कोडरमा : तमाम दावों के बावजूद जिले में धान क्रय की स्थिति अच्छी नहीं है. धान की खरीदारी पूरी तरह शुरू नहीं होने से परेशान किसान औने-पौने दाम (12-13 रुपये) पर धान बेचने को मजबूर हैं. हालांकि विभाग का दावा है कि जिले के 18 चयनित पैक्स के माध्यम से धान की खरीद शुरू हो गयी है. विभाग के अनुसार अभी तक जिले में धान खरीद को लेकर 3241 किसानों ने अपना निबंधन कराया है, जिसके विरुद्ध 678 किसानों को धान बेचने को लेकर एसएमएस किया गया है.
जब से धान की खरीदारी शुरू हुई है तब से अब तक 16 किसानों ने विभिन्न पैक्स के माध्यम से 261 क्विंटल धान की बिक्री की है. हालांकि, इनका भुगतान नहीं हुआ है. विभाग के अनुसार किसानों को भुगतान की प्रक्रिया जारी है.
सरकार ने कुल 23 पंचायतों के लिए मात्र दो धान क्रय केंद्र खोले हैं. धान बेचने की तैयारी में ही थे कि घोषणा हो गयी कि गीला धान नहीं लिया जायेगा. ऐसे में हमने इंतजार करने से बेहतर कम दाम पर ही धान बेचना मुनासीब समझा. आखिर कब तक इंतजार करते.
मुन्ना यादव, डुमरडीहा जयनगर
धान क्रय केंद्र डंडाडीह व रूपायडीह में खोला गया है. यह गांव हमारे गांव से काफी दूर है. इस परेशानी के कारण बिचौलियों के हाथ धान बेचना मजबूरी है. ऐसे खरीदार खलिहान में ही धान खरीद लेते हैं. यहां गीला-सूखा का कोई झमेला नहीं है.
शिवकुमार यादव, खेडोबर जयनगर
धान क्रय केंद्र में धान बेचने के लिए इंतजार करना पड़ता है. वहीं ढोकर धान ले जाने का झमेला अलग से. निबंधन की प्रक्रिया के लिए भी कई बार चक्कर लगाना पड़ता है. जबकि धान के खरीदार गांव के गलियों में घुमते नजर आते हैं. इन्हें गीला सूखा से मतलब नहीं. धान दो और नकद पैसा लो यह सुविधा है. हालांकि, दाम कम मिलता है.
रामचंद्र यादव, रेभनाडीह जयनगर
सतगावां प्रखंड के मरचोई निवासी किसान रामविलास कुमार पैक्स में धान बेचने में सफल रहे हैं. रामविलास ने बताया कि उन्होंने योगीडीह पैक्स में 32 क्विंटल धान 16 दिसंबर को ही बेचा है. उनके मोबाइल में एक सप्ताह के अंदर राशि भुगतान का मैसेज आया है. पैसा मिल जायेगा, तो पैक्स में और दस क्विंटल धान बेचेंगे. पैक्स में धान बेचने में वजन तथा माप-तौल में सुखा-गीला के नाम पर किचकिच होती है. यह सब बंद होना चाहिए.
posted by : sameer oraon