पाला पड़ने से आलू की फसल को हो सकता है नुकसान

बढ़ रही ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है़ वहीं पड़ रहे पाला से आलू की खेती को झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है़ प्रखंड के चरकी पहरी, सोनपुरा, डुमरडीहा, सिंगारडीह, चक, चुटियारो, कंद्रपडीह, चेहाल, चंद्रपुर, सांथ व तरवन में किसानों ने बड़े पैमाने पर आलू की खेती की है़

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2024 9:08 PM

जयनगर. बढ़ रही ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है़ वहीं पड़ रहे पाला से आलू की खेती को झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है़ प्रखंड के चरकी पहरी, सोनपुरा, डुमरडीहा, सिंगारडीह, चक, चुटियारो, कंद्रपडीह, चेहाल, चंद्रपुर, सांथ व तरवन में किसानों ने बड़े पैमाने पर आलू की खेती की है़ ऐसे में यदि रोग का पूर्वानुमान प्राप्त हो जाये तो किसान अपने खेतों में उचित फफुंदीनाशक दवा का प्रयोग कर अपने नुकसान से बच सकते है़

फसल की कैसे करे सुरक्षा

कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर कोडरमा के एग्रोफोरेस्टी ऑफिसर रूपेश रंजन ने इस संबंध में बताया कि पाला से आलू की फसल के बचाव के लिए हमेशा रोगमुक्त बीज का प्रयोग करे. खरपतवार को नष्ट करते रहे. जरूरत हो तो कुफरी ज्योति, कुफरी नवीन, कुफरी बादशाह, मूथु नायक जैसे प्रतिरोधी किस्म का प्रयोग करे़ पछेती झुलसा रोग दिखाई देते ही मेकोजेल -600-800 प्रति एकड़ की दर से चार पांच बार प्रत्येक अंतराल के अंदर छिड़काव करें. रोग फैलने की अवस्था तथा अनुकूल परिस्थिति में मेटा लिक्सयुक्त दवा रेडोमिल एम जेड 72 डब्लू पी की 400-500 ग्राम दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इस रोग की तीव्रता 70 प्रतिशत से अधिक हो तो तनों को काटकर गड्ढे में लगा दे़ं

पछेती झुलसा रोग के लक्षण

पछेती झुलसा होने पर आलू के पौधों के सभी पत्तियों, तना व कंद पर इसका लक्षण दिखता है़ पत्तियों पर जलिये धब्बे दिखने लगते है जो बाद में गहरे भूरे तथा बैंगनी रंग में बदल जाते है़ प्रभावित भाग के चारों तरफ हल्क पीला रंग का धब्बा बन जाता है और धब्बे हमेशा भींगा हुआ दिखता है़ अधिक तापमान भी 80-100 प्रतिशत तथा बादल छाये रहने की स्थिति में धब्बे बड़े हो जाते है. इसकी रोकथाम के लिए बलाइटाकस 50 या मैकोजेल में से किसी एक दवा की 600-800 ग्राम का दो सौ लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतराल में प्रति एकड़ छिड़काव करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version