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कोडरमा के सिरसिरवा जंगल में छापेमारी, अवैध पत्थर उत्खनन में लगे 4 पोकलेन जब्त

Jharkhand news, Koderma news : कोडरमा जिले के वन्य प्राणी आश्रयाणी क्षेत्र अंतर्गत सिरसिरवा जंगल में बड़े पैमाने पर चल रहे पत्थर के अवैध उत्खनन के खिलाफ रविवार (19 जुलाई, 2020) को बड़ी कार्रवाई हुई. वन विभाग एवं पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने सुबह में इस इलाके में प्रवेश किया, तो अवैध कार्य में लगे लोगों में हड़कंप मच गया. टीम के आने से पहले ही खनन कार्य में लगे लोग और माफिया फरार हो गये, जबकि मौक से 4 पोकलेन मशीन को जब्त किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2020 8:15 PM

Jharkhand news, Koderma news : कोडरमा : जिले के वन्य प्राणी आश्रयाणी क्षेत्र अंतर्गत सिरसिरवा जंगल में बड़े पैमाने पर चल रहे पत्थर के अवैध उत्खनन के खिलाफ रविवार (19 जुलाई, 2020) को बड़ी कार्रवाई हुई. वन विभाग एवं पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने सुबह में इस इलाके में प्रवेश किया, तो अवैध कार्य में लगे लोगों में हड़कंप मच गया. टीम के आने से पहले ही खनन कार्य में लगे लोग और माफिया फरार हो गये, जबकि मौके से 4 पोकलेन मशीन को जब्त किया गया. अभियान का नेतृत्व वन्य प्राणी आश्रयाणी, हजारीबाग के डीएफओ दिलीप कुमार यादव कर रहे थे.

जानकारी के अनुसार, सिरसिरवा में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की शिकायत लगातार सामने आ रही थी. इसके आधार पर डीसी रमेश घोलप ने कार्रवाई को लेकर वन विभाग को पत्र लिखा था. इस पत्र के आलोक में कार्रवाई की रणनीति तैयार की गयी और काफी गोपनीय तरीके से टीम ने इलाके में प्रवेश किया.

अवैध पत्थर उत्खनन क्षेत्र में छापेमारी टीम के आने की भनक लगते ही खनन कार्य में लगे लोग फरार हो गये. मौके पर बड़े पैमाने पर खनन कार्य का दृश्य अधिकारियों ने देखा तो हैरान रह गये. कई एकड़ क्षेत्र में यहां पोकलेन, जेसीबी आदि से खनन का कार्य किये जाने का दृश्य दिखा. यही नहीं हाइवा, शक्तिमान से लगातार पत्थर ढोने की शिकायत भी सामने आयी थी, जो सही निकला. यहां कई खदानें कई फीट गहरी थी. खदान के आसपास विस्फोटक भी पड़े थे, जिसका प्रयोग खनन कार्य में धड़ल्ले से किया जाता है.

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इससे पहले टीम का अभियान सुबह में शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी था. बताया जाता है कि दोपहर बाद जिले में शुरू हुई भारी बारिश ने टीम के अभियान में खलल डाला और मौके पर पड़े पोकलेन को जब्त कर लाने में परेशानी हुई. बावजूद इसके वरीय अधिकारियों के निर्देश पर टीम में शामिल सदस्य जंगल में ही डटे रहे. पोकलेन के चालकों के फरार हो जाने के कारण इसे लाने में भी परेशानी थी. ऐसे में डीएफओ ने हजारीबाग से चालक मंगवायें.

इस दौरान 4 पोकलेन मशीन को जब्त किया गया. 1 पोकलेन मशीन की कीमत बाजार में 60 लाख बतायी जाती है. ऐसे में करीब 2 करोड़ से ऊपर का मशीन जब्त होने से इस धंधे से जुड़े लोगों को इस छापामारी से बड़ा झटका लगने की बात कही जा रही है. छापामारी अभियान में डीएफओ के अलावा एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद, वन्य प्राणी आश्रयाणी के रेंजर आनंद बिहारी, खनन इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार, थाना प्रभारी के अलावा वन कर्मी व अन्य शामिल थे.

अवैध खनन में लिप्त लोगों पर दर्ज होगा केस : डीएफओ

देर शाम प्रभात खबर से बातचीत में वाइल्ड लाइफ के डीएफओ दिलीप कुमार यादव ने बताया कि 4 पोकलेन को जब्त कर लाया जा रहा है, जबकि 1 अन्य पोकलेन का चेन टूटा होने के कारण उसे वहीं छोड़ दिया गया है. इसके अलावा एक कंप्रेशर मशीन खदान के अंदर पानी में डूबा था, जिसकी वजह से उसे जब्त नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा कि अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जायेगा.

अपराधी- माफिया गठजोड़ को मिलता रहा है संरक्षण

वन्य प्राणी आश्रयणी अंतर्गत सिरसिरवा जंगल में बड़े पैमाने पर पत्थर का अवैध उत्खनन कोई नई बात नहीं है. अवैध खनन का खेल यहां वर्षों से चलता रहा है. यह अलग बात है कि बीच-बीच में कभी कार्रवाई होती है, तो खनन कार्य रोक दिया जाता है. कार्रवाई के कुछ दिनों बार एक बार फिर नये सिरे से अवैध कारोबार शुरू हो जाता है. जानकार बताते हैं कि इस क्षेत्र में अपराधी-माफिया गठजोड़ ने अवैध काम को और आसान बना दिया है. यही नहीं, सिस्टम के एक-दो लोगों की मिलीभगत और राजनीतिक संरक्षण से भी इनका मनोबल बढ़ा रहता है. ऐसे में ये बुलंद होकर अवैध कार्य को अंजाम देते हैं. बड़े स्तर पर खनन होने की शिकायत जब उच्च अधिकारियों तक पहुंचती है, तो कार्रवाई के लिए तैयारी की जाती है. हालांकि, कार्रवाई से पहले भी कई बार सूचना लीक होने की बात सामने आती रही है.

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पहले भी हो चुकी है कार्रवाई, बड़े माफिया तक पहुंच नहीं

इससे पहले भी सिरसिरवा जंगल में पत्थर के अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई हुई है, पर हर बार इस धंधे में लिप्त बड़े माफियाओं का नाम सामने नहीं आता है और न ही प्रशासन एवं वन विभाग की टीम इन तक पहुंच पाती है. बताया जाता है कि 4 नवंबर, 2017 को तत्कालीन डीसी संजीव कुमार बेसरा एवं एसपी सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में टीम ने यहां बड़ी कार्रवाई की थी. उस दिन यहां से करीब 5 वाहन जब्त किये गये थे, पर रास्ते में विरोध कर खनन माफिया 1 वाहन को छुड़ा कर ले भागे थे. उस समय भी कुछ लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बाद में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई, पर बड़े माफिया का नाम सामने नहीं आया. वहीं 28 सितंबर, 2019 को भी वाइल्ड लाइफ के डीएफओ के नेतृत्व में छापामारी हुई थी. इस दिन भारी बारिश की वजह से टीम कुछ जब्त तो नहीं कर पाई थी, पर जेसीबी से सिरसिरवा जाने वाले रास्ते को काट दिया गया था. इसके अलावा भी कुछ मौकों पर छोटी कार्रवाई हुई है, पर वह कारगर साबित नहीं हो सकी है.

Posted By : Samir ranjan.

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