संताली परंपरा, संस्कृति व सभ्यता का प्रतीक है सरहुल
पगड़ी और पलाश का फूल देकर किया गया. मौ
कोडरमा बाजार. आदिवासियों का सबसे प्रमुख त्योहार सरहुल जिले में श्रद्धा, भक्ति और पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मनाया गया. जिला मुख्यालय स्थित बिरसा नगर (मरियमपुर ) में आदिवासी संघ के अध्यक्ष पवन माइकल कुजूर की अध्यक्षता में सरहुल महोत्सव का आयोजन किया गया़, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एसडीपीओ जीत वाहन उरांव शामिल हुए़ इसके पूर्व आगंतुक अतिथियों का स्वागत आदिवासी परंपरा के अनुसार पगड़ी और पलाश का फूल देकर किया गया. मौके पर एसडीपीओ श्री उरांव ने कहा कि सरहुल का त्योहार प्रकृति की उपासना और सुंदरता का प्रतीक है. यह त्योहार संताली परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को बनाये रखने में अहम भूमिका निभाने का कार्य कर रहा है़ उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लोग सदियों से जल, जंगल और प्रकृति की रक्षा में अहम भूमिका निभाते चले आ रहे हैं, लेकिन आज के आधुनिक समाज में भी यह समाज पूरी तरह से मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पाया है. इसके लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को आगे आने की जरूरत है, ताकि समाज के सभी लोग मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपने अधिकार के प्रति जागरूक हो सके़ं संघ के अध्यक्ष श्री कुजूर ने कहा कि देश और दुनिया उन्नति के मार्ग पर चल पड़ी है़, परंतु आदिवासी समाज मुख्यधारा से कटा हुआ है, जिसके कारण समाज के अधिकतर लोग सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित है़ं समाज में शिक्षा और रोजगार की कमी है, इस पर सरकार और जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है. कार्यक्रम को पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता अभय टोप्पो, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई बालेश्वर मुंडा, डॉ विमल प्रसाद आदि ने भी संबोधित किया़ लगभग दो घंटे तक चले उक्त कार्यक्रम के दौरान अम्बातरी, ढोढाकोला, नलवा, बेंदी, भीतिया आदि सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आये आदिवासी समाज के युवक-युवतियों ने पारंपरिक वेशभूषा में मांदर की थाप पर नृत्य कर लोगों का मन मोह लिया. इसके पूर्व स्थानीय लख्खीबागी स्थित सरना स्थल पर पाहन द्वारा पूजा अर्चना की गयी. तत्पश्चात संघ के अध्यक्ष पवन माइकल कुजूर व अनिल हांसदा आदि के नेतृत्व में शोभायात्रा निकाली गयी, जो लख्खीबागी, कोडरमा बाजार, छोटकीबागी होती हुई कार्यक्रम स्थल पहुंची. मौके पर पुलिस निरीक्षक माइका सुबोध लकड़ा, जेई हरि सोरेन, बेंजामिन एक्का, कमल हेंब्रम, वाल्टर तिग्गा, जीवन कुमार, अशोक कुमार , जयपाल किंडो, प्रमोद किंडो, राजेश लकड़ा, विनोद उरांव, आशीष कुजूर, वानवाली मुंडा, दीपक मुंडा, भामा टुडू , अभिषेक मरांडी, उषा लकड़ा, नीलू एक्का, सुनीता किंडो, अलमा लकड़ा, प्रतिभा एक्का, अनुरंजना मरांडी, फुलमनी केरकेट्टा, एमा मिंज, सुधा एक्का, सलोमी सोरेन सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे़
पेयजल और शरबत की थी व्यवस्था