गुरु तेग बहादुर की शहीदी पर्व पर विशेष दीवान सजा
सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के 349वें शहीदी पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में विशेष दीवान और लंगर का आयोजन किया गया़ कार्यक्रम शाम 6:30 बजे रही रास साहिब के पाठ से शुरू हुआ.
झुमरीतिलैया. सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के 349वें शहीदी पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में विशेष दीवान और लंगर का आयोजन किया गया़ कार्यक्रम शाम 6:30 बजे रही रास साहिब के पाठ से शुरू हुआ. इसके बाद विशेष शबद-कीर्तन का आयोजन किया गया़ ज्ञानी राजा सिंह, हरभजन सिंह बग्गा, बीबी दलजीत कौर व गुरभेज सिंह ने शबद-कीर्तन से संगत को निहाल किया. इस दौरान पूर्व सचिव यशपाल सिंह गोल्डन ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की कहानी सुनायी. उन्होंने बताया कि 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने कश्मीरी पंडितों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया था़ तब पंडितों की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी ने दिल्ली में शहीदी देकर न केवल उनकी आस्था को बचाया, बल्कि मानवता के लिए अपनी जान की आहुति दे दी़ विशेष दीवान के उपरांत गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया़ इस अवसर प्रधान हरजीत सिंह सलूजा, सचिव गुरभेज सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे
गुरु महाराज के बलिदान को याद किया
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा को विशेष रूप से सजाया गया था़ श्रद्धालुओं ने गुरु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की और नाम सिमरन कर उनके बलिदान को याद किया़ स्त्री सत्संग समूह की महिलाओं ने भी भजन और सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. कार्यक्रम के अंत में प्रधान हरजीत सिंह सलूजा और सचिव गुरभेज सिंह ने सभी श्रद्धालुओं और आयोजकों को धन्यवाद दिया़
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