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Teachers Day 2020 : बच्चों के जीवन में शिक्षा का रंग भर रहे हैं कोडरमा के शिक्षक ओमप्रकाश और पंकज मालाकार

Teachers Day 2020 : कोरोनकाल में लॉकडाउन के कारण मार्च माह के अंतिम सप्ताह से शिक्षण कार्य पूरी तरह ठप है. कभी बच्चों के शोर से गुलजार रहने वाले विद्यालय आज पूरी तरह वीरान हैं. हालांकि, कुछ निजी विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू से जारी है. निजी विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में भी ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था करने के लिए सरकार से निर्देश मिलने के बाद व्हाट्सअप ग्रुप समेत अन्य साधनों से लर्निंग मैटेरियल बच्चों को उपलब्ध करवाने की कवायद शुरू की गयी. लेकिन, एंड्रायड फोन की अनुपलब्धता, इंटरनेट की समस्या समेत अन्य कारणों से गरीबों के बच्चों तक पूरी तरह इस सुविधा का लाभ नहीं पहुंच पाया. इन सबके बीच कोडरमा जिले में 2 शिक्षक ऐसे भी हैं जो इस वैश्विक महामारी के कठिन दौर में भी गुरु धर्म का पालन कर छात्र- छात्राओं को ऑनलाइन के विभिन्न माध्यमों से न केवल कोर्स कम्प्लीट करवाने में लगे हैं, बल्कि बीच- बीच में क्विज आदि का आयोजन कर बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण में लगे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2020 11:15 PM

Teachers Day 2020 : कोडरमा (गौतम राणा) : कोरोनकाल में लॉकडाउन के कारण मार्च माह के अंतिम सप्ताह से शिक्षण कार्य पूरी तरह ठप है. कभी बच्चों के शोर से गुलजार रहने वाले विद्यालय आज पूरी तरह वीरान हैं. हालांकि, कुछ निजी विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू से जारी है. निजी विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में भी ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था करने के लिए सरकार से निर्देश मिलने के बाद व्हाट्सअप ग्रुप समेत अन्य साधनों से लर्निंग मैटेरियल बच्चों को उपलब्ध करवाने की कवायद शुरू की गयी. लेकिन, एंड्रायड फोन की अनुपलब्धता, इंटरनेट की समस्या समेत अन्य कारणों से गरीबों के बच्चों तक पूरी तरह इस सुविधा का लाभ नहीं पहुंच पाया. इन सबके बीच कोडरमा जिले में 2 शिक्षक ऐसे भी हैं जो इस वैश्विक महामारी के कठिन दौर में भी गुरु धर्म का पालन कर छात्र- छात्राओं को ऑनलाइन के विभिन्न माध्यमों से न केवल कोर्स कम्प्लीट करवाने में लगे हैं, बल्कि बीच- बीच में क्विज आदि का आयोजन कर बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण में लगे हैं.

नौवीं एवं दसवीं के छात्राओं के लिए उम्मीद बने ओमप्रकाश

परियोजना बालिका उच्च विद्यालय के सहायक शिक्षक ओमप्रकाश सिन्हा अपनी अलग कौशल की वजह से आज जाने जा रहे हैं. वे कोरोना काल में नौवीं एवं दसवीं की छात्राओं के लिए उम्मीद का दिया बने हुए हैं. ओमप्रकाश बताते हैं कि कोरोना काल में यदि कोई सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है तो वह है विद्यार्थी. खास कर वैसे विद्यार्थी जो ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं. उनके अनुसार लॉकडाउन से प्रभावित हो रही पढ़ाई को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा डीजी साथ के माध्यम से छात्राओं को राज्य स्तर से गणित और विज्ञान का वीडियो लिंक भेजा जाने लगा, लेकिन गणित एवं विज्ञान ऐसा विषय है कि जब तक बच्चों के प्रॉब्लम ऑन द स्पॉट हल नहीं किया गया, तो आगे चल कर उन्हें इन विषयों में काफी परेशानी होने की संभावना रहती है.

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ऐसे में मुझे लगा कि इन बच्चों के लिए अलग से कुछ किया जाय, ताकि वर्ष 2021 में मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाली छात्राओं को इसका सीधा लाभ मिल सके. मैंने अपने स्तर से प्रयास कर इन वर्गों की छात्राओं से संपर्क किया और उनसे कांटेक्ट नंबर लेकर ग्रुप बनाया. फिर गूगल मिट के जरिये ऑनलाइन क्लास लेना शुरू कर दिया. शुरुआत में कुछ कम उपस्थिति देखी गयी, लेकिन धीरे-धीरे छात्राओं में जागरूकता बढ़ने से गूगल मिट क्लास में नवम एवं दशम की छात्राओं की संख्या बढ़ती चली गयी. वर्तमान में 75 छात्राएं प्रतिदिन गूगल मिट के जरिये गणित, भौतिकी और रसायन विषय की क्लास कर रही है और इसका लाभ उठा रही है. श्री सिन्हा ने कहा कि यदि दूसरे विद्यालय की छात्राएं भी ऑनलाइन क्लास से जुड़ना चाहती हैं, तो वे इस नम्बर 9934144595 पर संपर्क कर जुड़ सकती हैं. यह निःशुल्क सेवा है.

पंकज ने घर- घर जाकर छात्रों को ऑनलाइन क्लास से जोड़ा

मरकच्चो प्रखंड स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय जगदीशपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक पंकज मालाकार उन शिक्षकों में से एक हैं जो कुछ अलग कर बच्चों की मदद कर रहे हैं. पंकज बताते हैं कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए 22 मार्च से किये गये देशव्यापी लॉकडाउन से सभी लोग प्रभावित हुए. मगर उसका व्यापक प्रभाव छात्र- छात्राओं पर अधिक पड़ा. लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने से उन्हें घरों में रहना पड़ रहा था, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही थी. साथ ही लगातार घरों में रहने से वे अच्छा महसूस नहीं कर पा रहे थे. कई छात्रों ने उनसे संपर्क कर अपनी समस्याओं को रखा, जिसके बाद छात्रों के लिए कुछ कर गुजरने की ललक उनके अंदर जागी. फिर उन्होंने नई शुरुआत की.

वे बच्चों के घर-घर तक पहुंचे. लोगों को ऑनलाइन क्लास के प्रति जागरूक किया और कांटेक्ट नंबर लेकर बच्चों का ग्रुप बनाया. शिक्षकों का सहयोग भी भरपूर मिला, जिसके बाद ऑनलाइन क्लास शुरू किया गया. बाद में विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा विभिन्न विषयों का वीडियो मैटीरियल बनाकर यूट्यूब के माध्यम से भी उपलब्ध कराया जाने लगा, ताकि केवल अपने विद्यालय के ही नहीं बल्कि अन्य विद्यालयों के बच्चे भी इसका लाभ ले सकें. पंकज कहते हैं ऑनलाइन क्लास में जिन विद्यार्थियों को कुछ तकनीकी समस्याएं आ रही थीं उनका समय-समय पर हल भी किया गया. धीरे-धीरे इस ऑनलाइन क्लास से बच्चे जुड़ते चले गये. वर्तमान में अच्छी संख्या में बच्चे जुड़े हैं और ऑनलाइन क्लास का लाभ उठा रहे हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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