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कोडरमा में जन मुद्दों पर भारी दिखी शांति की आस

विधानसभा चुनाव में इस बार विपक्षी दलों व उम्मीदवारों ने कोडरमा के ढिबरा व पत्थर उद्योग की बदहाली को मुद्दा बनाया, पर यह चुनाव परिणाम के बाद स्पष्ट हो गया कि यह मुद्दा कारगर नहीं रहा़

By Prabhat Khabar News Desk | November 23, 2024 9:34 PM

कोडरमा. विधानसभा चुनाव में इस बार विपक्षी दलों व उम्मीदवारों ने कोडरमा के ढिबरा व पत्थर उद्योग की बदहाली को मुद्दा बनाया, पर यह चुनाव परिणाम के बाद स्पष्ट हो गया कि यह मुद्दा कारगर नहीं रहा़ वहीं भाजपा क्षेत्र में यह संदेश पहुंचाने में सफल रही कि कोडरमा में शांति चाहिए, तो भाजपा को जिताना होगा. भाजपा अपनी रणनीति में पूरी तरह सफल रही. एक समय में यह कयास लगाया जा रहा था कि निर्दलीय प्रत्याशी शालिनी गुप्ता भाजपा के कोर वाेटरों को अपने साथ लाने में सफल हो रही है, तो भाजपा के नेताओं ने यह संदेश फैलाना शुरू किया कि अगर वोटों का बिखराव होगा, तो राजद की जीत सुनिश्चित है़ यह चुनाव से ठीक एक दिन पहले व मतदान के दिन खूब ट्रेंड पर रहा़ भाजपा नेता बिहार से आये उम्मीदवार की जीत का डर दिखा वोटरों को साधने में सफल रहे और निर्दलीय प्रत्याशी शालिनी तीसरे स्थान पर चली गयी. हालांकि, शालिनी को कम वोट नहीं मिले़ पिछले चुनाव में वह आजसू से चुनाव लड़ी थी. उस समय उन्हें करीब 45 हजार वोट मिले थे. इस बार उन्हें 69 हजार से ज्यादा मत मिले हैं. शालिनी की हार जरूर हुई है, पर वह अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल रही है़ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूरी रणनीति के तहत चुनाव लड़ने व अच्छा खासा वोट लाने के बाद भी वह जीत नहीं पायी, तो इस पर वह कुछ भी बोलने से बचती दिखी़ शालिनी दोपहर में मतगणना केंद्र पहुंची थी, पर दोपहर तीन बजे जैसे ही यह साफ हुआ कि भाजपा की जीत सुनिश्चित है, वह मतगणना हॉल से निकल गयी. शालिनी ने बाद में सोशल मीडिया पर लिखा कि जनादेश स्वीकार करती हूं, आप सभी का धन्यवाद.

घर बनाया, सूची में नाम जुड़वाया पर नहीं हुए सफल

राजद प्रत्याशी सुभाष प्रसाद यादव वर्ष 2019 में कोडरमा से राजद से नामांकन कर चुनाव मैदान में उतरे थे, पर अंतिम समय में उनका नामांकन रद्द हो गया था़ उस समय चुनाव लड़ने की चाहत पूरी होने पर सुभाष ने कोडरमा का स्थानीय होने का संदेश देने के लिए तिलैया के विशुनपुर रोड में अपना आवास भी बनवाया़ बकायदा स्थानीय बूथ पर अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा कर चुनाव लड़ा, लेकिन वे जीत हासिल नहीं कर सके़

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