उपायुक्त सुशांत गौरव की पहल पर गुमला जिले के नि:शक्तों का यूडीआइडी कार्ड बनाने का काम सोमवार से शुरू कर दिया गया है. महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा नगर भवन में कैंप लगाया गया. जहां हजारों नि:शक्त अपना यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए पहुंचे. कोई लाठी के सहारे, पिता की गोद, मां के कंधे, टेंपो तो कोई ट्राईसाइकिल के सहारे यूडीआईडी कार्ड बनाने पहुंचा था.
पूरा नगर भवन नि:शक्तों से भरा हुआ था. अधिक भीड़ होने के कारण ड्यूटी में लगे पदाधिकारी व कर्मी को परेशानी हो रही थी. इसके बाद भी कर्मी अपना काम करते नजर आये. कई दिव्यांगजन जल्दबाजी में अपना फोटो लाना भूल गये थे. जिस कारण दिव्यांगों ने कचहरी परिसर जा कर अपना फोटो खींचवाया. उसके बाद अपना फार्म जमा किया.
शिविर में भरनो प्रखंड के करंजटोली निवासी सोमा उरांव अपनी विक्षिप्त 12 वर्षीय पुत्री जयश्री का यूडीआइडी कार्ड बनवाने पहुंचे थे. जहां उन्होंने फार्म जमा किया. सोमा उरांव ने कहा कि उसकी पुत्री जन्म से विक्षिप्त है और बोलने में परेशानी होती है.
उसका कार्ड बन जाने से पेंशन मिलना शुरू हो जायेगी. जिससे हमलोगों को काफी राहत होगी. सोमा ने आगे बताया कि वह किसान है. उसके से छह बच्चे हैं. जिसमें दो बेटी की शादी कर चुका है. वहीं चार बच्चों का वह खेतीबारी कर परवरिश कर रहा है. उसे अब तक पीएम आवास नहीं मिल पाया है. वहीं उसके घर में अब तक शौचालय नहीं बन पाया है.
गम्हरिया गांव निवासी वृद्ध विकलांग गणेश महली ने कहा कि उसका यूडीआइडी कार्ड नहीं बनने के कारण चार माह से पेंशन बंद थी. परंतु अब फार्म जमा कर दिया हूं जल्द ही मुझे पेंशन मिलना चालू हो जायेगी. सिसई बर्री निवासी 11 वर्षीय मूकबधिर रोशनी कुमार जन्म से बोलने में असमर्थ है. जिसका यूडीआइडी कार्ड नहीं बन पाया है. उसकी दीदी सुमित्रा कुमारी ने कहा कि शिविर के माध्यम से फार्म जमा कर दिये हैं. जल्द ही यूडीआइडी कार्ड बन जाने से मेरी बहन को सरकारी लाभ मिल पायेगा.
सिसई के बर्री बड़काटोली निवासी तेतरू उरांव ने कहा कि वह जन्म से एक पैर से विकलांग है. जिस कारण वह कोई काम नहीं कर पा रहा है. उसने कहा कि पूर्व में यूडीआइडी कार्ड बनवाने के लिये कई बार प्रखंड से लेकर जिला का चक्कर लगाये थे. पर नहीं बन पाया. आज मैंने अपना फार्म जमा कर दिया है. जल्द ही मुझे भी विकलांग पेंशन का लाभ मिलेगी.