Koderma Vidhan Sabha : विधानसभा चुनाव की शंखनाद के साथ ही राजनीतिक दलों में उथल पुथल है. टिकट नहीं मिलने की संभावना देख नाराज नेता पाला बदल रहे हैं, पर कोडरमा की बात करें तो अभी यहां ज्यादा उलटफेर होता नहीं दिख रहा है. इस बीच कोडरमा के राजनीतिक इतिहास को देखें तो देश में भाजपा के बाद सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की जमीन समय के साथ खिसकती रही है.
2000 के बाद से अबतक नहीं उतारा कोई उम्मीदवार
कांग्रेस का प्रदर्शन वर्ष वार इस तरह खराब होता गया कि पार्टी ने वर्ष 2000 के बाद यहां से अब तक कभी किसी नेता को विधानसभा के चुनावी मैदान में नहीं उतारा. यह हाल तब है जब कोडरमा में 1952 में हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी को ही जीत मिली थी. उस समय कांग्रेस से अवध बिहारी दीक्षित 12106 मत लाकर विधायक निर्वाचित हुए थे.
1952 से 1985 अबतक आम चुनाव में पांच बार कांग्रेस का कब्जा
1952 के बाद 1985 तक हुए नौ आम चुनावों में पांच बार कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया था, पर 1985 के बाद कांग्रेस का ग्राफ नीचे गिरता चला गया. वर्ष 1985 में अंतिम बार कांग्रेस के राजेंद्र नाथ दां 33505 मत लाकर विधायक निर्वाचित हुए थे. इसके बाद 1990 में कांग्रेस से किस्मत आजमाने वाले उमेश चंद्र अग्रवाल 34705 मत लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि 1995 में कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र नाथ दां 20256 मत लाकर तीसरे स्थान पर चले गए थे.
दो चुनाव में लगातार मिली हार
1990 व 1995 दोनों समय में जनता दल के रमेश प्रसाद यादव विजेता बने थे. लगातार दो हार के बाद कांग्रेस ने वर्ष 2000 में रामलखन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था, पर रामलखन सिंह को मात्र 4987 मत मिले थे. इसके बाद से आज तक हुए आम चुनावों में कांग्रेस ने कोडरमा से अपना प्रत्याशी नहीं दिया. अधिकतर बार यह सीट गठबंधन के तहत राजद को जाती रही है. हालांकि, राजद के साथ-साथ झामुमो ने भी अपना दांव यहां चला है, पर राजद से इतर झामुमो का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है.
कोडरमा में कब-कब जीती है कांग्रेस
वर्ष———–निर्वाचित विधायक—–प्राप्त मत
1952—–अवध बिहारी दीक्षित——–12106
1962—–अवध बिहारी दीक्षित——–11396
1972—–राजेंद्र नाथ दां—–23167
1980——-राजेंद्र नाथ दां—-27129
1985——–राजेंद्र नाथ दां—–33505