विवेकानंद ने भारतीयों को आत्मगौरव का बोध कराया : प्राचार्य
रमेश प्रसाद यादव शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया.
कोडरमा़ रमेश प्रसाद यादव शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया. मौके पर प्राचार्य डॉ लक्ष्मी सरकार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारतीय जनमानस को उनके खोये हुए आत्मगौरव का बोध कराया और उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में शामिल होने की प्रेरणा दी. उनकी इस प्रेरणा से संपूर्ण भारत ने नयी अंगड़ाई ली और हम 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुए. उन्होंने कहा कि विवेकानंद के दर्शन में सशक्त, समृद्ध व समावेशी समाज के निर्माण का सूत्र निहित है. वहीं सहायक प्राध्यापक डॉ संजीव कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं शास्वत व सनातन हैं, ये शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और आगे भी प्रासंगिक रहेंगी. वहीं सहायक प्राध्यापक राजेश पांडेय ने कहा कि विवेकानंद भारतीयता की प्रतिमूर्ति थे. उन्होंने दुनिया को विश्वगुरु भारत के मूल स्वरूप व उसकी वास्तविक शक्ति का एहसास दिलाया. उन्होंने दुनिया को यह बताया कि भारत न केवल धार्मिक, सांस्कृतिक व दार्शनिक वरन आर्थिक व वैज्ञानिक क्षेत्रों में भी दुनिया को दिशा दिखाने में सक्षम है. कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं के बीच भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम राहुल, द्वितीय प्रिंस तथा कविता के लिए स्मृति को पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर प्रशिक्षु सुनील, रिशु कुमारी, सहायक प्राध्यापक मो. सेराज, सैयद खुर्शीद अली, अनिल कुमार, आनंद कुमार, शिक्षकेत्तर कर्मचारी मिथिलेश कुमार, सुजीत कुमार, श्रवण कुमार, शाहिद खान, संटू कुमार, गौरव सिन्हा, राजकुमार यादव, कुंदन कुमार, चंदन कुमार के अलावे प्रशिक्षु अल्ताफ, शुभाशीष, रेवल, सदफ, रिशु, सोनाली, सुरदीप, राहुल, प्रिया आदि मौजूद थे़
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