कुछ मिनट की आंधी में ढह गयी निर्माणाधीन जलमीनार

जलमीनार बनने से पहले ढह गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 1, 2024 9:08 PM

मरकच्चो/डोमचांच. कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड अंतर्गत कुंडीधनवार पंचायत के नीमाडीह में निर्माणाधीन जलमीनार शनिवार की दोपहर कुछ मिनट के लिए आयी आंधी-बारिश के बीच ढह गयी. कई पिलरों पर खड़ा किये गये जलमीनार के इस तरह गिरने से विभागीय भ्रष्टाचार की पोल खुल कर सामने आ गयी है़ साथ ही सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नल जल योजना की मॉनिटरिंग सिस्टम पर भी गंभीर सवाल उठे हैं. जलमीनार के इस तरह गिरने की घटना से कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ है, पर हर कोई हैरान है़ स्थानीय लोगों के अनुसार, निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने की वजह से जलमीनार बनने से पहले ढह गयी. घटना की जानकारी मिलने पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है़ शनिवार शाम विभागीय अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे़ पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता अभय टोप्पो ने फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझा़ घटना के बाद विभागीय लोग व संवेदक मामले को किसी तरह दबाने में लगे रहे़ जानकारी के अनुसार, करीब एक लाख लीटर क्षमता वाली इस जलमीनार का निर्माण कार्य नल जल योजना के मेगा स्कीम के अंतर्गत एकेजी कंस्ट्रक्शन रांची द्वारा कराया जा रहा था़ उक्त योजना के अंतर्गत लगभग सवा दो सौ करोड़ की लागत से डोमचांच, जयनगर व कोडरमा प्रखंड के विभिन्न गांवों में जलमीनार का निर्माण कराया जाना है़ इसी शृंखला में नीमाडीह में भी करीब एक लाख लीटर जल क्षमता वाली जलमीनार का निर्माण कार्य चल रहा था़ शनिवार को बारिश के साथ आयी आंधी ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी़ दोपहर को आयी आंधी बारिश में लगभग 24 मीटर ऊंचाई के पिलर के साथ उक्त निर्माणाधीन जलमीनार भरभरा कर गिर गयी. संयोग रहा कि आंधी-बारिश आने के कारण वहां मजदूर नहीं थे, अन्यथा एक बड़ी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता था़ स्थिति देख संबंधित जेई बैरंग लौटे इधर, बारिश थमने के बाद स्थानीय ग्रामीण वहां पहुंचे, तो स्थिति देख हैरान रह गये, कुछ देर में यह बात आग की तरह फैल गयी. विभाग तक सूचना पहुंची, तो संबंधित जेई मौके पर पहुंचे, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें, तो उक्त जेई स्थिति देख तुरंत वहां से बैरंग लौट गये. जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई की मांग पानी टंकी गिरने की घटना के बाद गांव के लोगों ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. लोगों ने इसके निर्माण पर सवाल खड़े करते हुए आक्रोश व्यक्त की है. उनका कहना था कि पानी टंकी का निर्माण लाखों रुपये की लागत से हो रहा था. लेकिन निर्माण करते समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया और यह गिर गया. लोगों ने इसके पीछे सरकारी राशि के गबन की आशंका जताई है. ग्रामीणों का कहना है कि जब यह टंकी पहली बारिश व आंधी में ही गिर गई तो गुणवत्ता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं लोगों ने प्रशासन से जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

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