- जिले के नौ अंचलों में मात्र तीन अंचल में ही अंचलाधिकारी पदस्थापित
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लातेहार में 11 अमीन का काम कर रहा है एक अमीन, कर्मक्षेत्र का दायरा 300 किलोमीटर तक पहुंचा
जिले के नौ अंचलों में मात्र तीन अंचल में ही अंचलाधिकारी पदस्थापित सुनील कुमार लातेहार : लातेहार जिला में एक अमीन 11 अमीनों का काम कर रहे हैं. टोरी-शिवपुर जैसे अति महत्वपूर्ण परियोजना के लिए चार अमीन की जरूरत है. जिले में कुल नौ अंचल, जिला भू अर्जन कार्यालय तथा भारतीय रेलवे के लिए विशेष […]
सुनील कुमार
लातेहार : लातेहार जिला में एक अमीन 11 अमीनों का काम कर रहे हैं. टोरी-शिवपुर जैसे अति महत्वपूर्ण परियोजना के लिए चार अमीन की जरूरत है. जिले में कुल नौ अंचल, जिला भू अर्जन कार्यालय तथा भारतीय रेलवे के लिए विशेष अधिग्रहण समेत कुल 11 स्थान हैं, जहां एक-एक अमीन का पद सृजित है. लेकिन इन पदों की जिम्मेवारी सिर्फ एक अमीन अजय विश्वकर्मा के जिम्मे है.
श्री विश्वकर्मा सप्ताह के छह दिनों को एक दिन में दो पालियों में बांट कर काम कर रहे हैं. कभी हेरहंज तो कभी नेतरहाट में अकस्मात इनकी जरूरत पड़ जाती है. लगभग तीन सौ किलोमीटर परिधि में इन्हें काम देखना पड़ता है. अंचलों में विभिन्न जमीन मापी के करीब डेढ़ सौ मामले लंबित हैं, फिर अदालती आदेशों के करीब 60 मामले लंबित हैं. अमीन की कमी के कारण इन मामलों की सुनवाई स्थगित है. ऐसी स्थिति पिछले नवंबर दिसंबर 2016 से बनी हुई है.
जिला भू अर्जन कार्यालय के लिए सुरेश महतो नामक एक अमीन की प्रतिनियुक्ति थी, जो दिसंबर में सेवानिवृत्त हो चुके हैं. अमीन श्री विश्वकर्मा के घर का दरवाजा खुलते ही मापी कराने वालों की कतार लग जाती है. उनका व्यक्तिगत काम भी कर पाना मुश्किल होता है. सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों का जबरदस्त टोटा है.
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का पद यहां पिछले तीन वर्षों से रिक्त पड़ा है. जिले के नौ अंचलों में मात्र तीन अंचल में ही अंचलाधिकारी पदस्थापित हैं. कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव का पद पिछले एक दशक से रिक्त है. इसके कारण कृषि उत्पादों पर कर संग्रहण मनमाने ढंग से चल रहा है.
सदर अनुमंडल पदाधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद भी लातेहार में पिछले माह से प्रभार में चल रहा है. जिला अभियंता एवं एनआरइपी में अभियंताओं की पोस्टिंग नहीं हो रही है. महत्वपूर्ण लाइन डिपार्टमेंट लघु सिंचाई विभाग में कार्यपालक अभियंता का पद पिछले चार वर्षों से रिक्त है.
अधिकारियों के अतिरिक्त कर्मचारियों की भी ऐसी ही स्थिति है. जिले में 30 फीसदी कर्मचारियों का पद रिक्त है. डीआरडीए जैसे विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली संस्था कर्मचारियों की कमी का दंश झेल रही है. जेजे बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पोस्टिंग नहीं हो पा रही है. आठ कोर्ट में मात्र पांच लोक अभियोजकों की पोस्टिंग है. इनकी कमी के कारण मुकदमों में सरकार का पक्ष ठीक से नहीं रखा जा रहा है.
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