– जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों को दरकिनार कर पुलिस ने दिखाया खौफ
लातेहार : अंबाकोठी पूजा पंडाल से रामलीला देख कर शनिवार की रात करीब साढ़े नौ बजे लौट रहे तीन नाबालिगों को संदिग्ध बता कर पीसीआर में तैनात पुलिस अधिकारी ने रोका. जब नाबालिगों ने अपना कसूर पूछा तो उग्र हो पुलिस कर्मी ने कहा कि रोड पर लघुशंका क्यों किया तथा पिता का नाम पूछा. तब एक भुक्तभोगी ने बताया कि वह पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम का पुत्र है तो पीसीआर में बैठे अधिकारी उग्र हो गये तथा पीसीआर वैन में तीनों को बिठा कर सदर थाना ले गये.
भुक्तभोगियों के अनुसार रास्ते में पीसीआर कर्मियों ने उन्हें पीटा और थाना में ला कर एक कमरे में बंद कर दिया. उधर पुलिस ने उक्त आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद करीब रात के 10.30 बजे पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम सदर थाना पहुंचे. उन्हें देख कर आसपास के कई लोग भी थाने में जमा हो गये.
राम ने तीनों नाबालिगों से पूछताछ करने के बाद पुलिस से कहा कि अगर आपको ये संदिग्ध लगते हैं तो प्राथमिकी दर्ज किजीए. बाद में थाना प्रभारी रमेश कुमार की पहल पर तीनों बच्चों को छोड़ा गया. बच्चों को लेकर स्वयं वैद्यनाथ राम प्राथमिक उपचार के लिए सदर अस्पताल गये. जहां डा. एसके सिंह ने रात के तकरीबन 12.30 बजे उन तीनों का उपचार किया.
बाल संरक्षण आयोग में करूंगा शिकायत : वैद्यनाथ राम
पूर्व मंत्री श्री राम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि बच्चों पर रौब जमा कर पुलिस कर्मियों ने कानून का मजाक उड़ाया है. वे इस मामले बाल संरक्षण आयोग तक ले कर जायेंगे.
दोषियों पर कार्रवाई होगी : एसपी
इस संबंध में एक प्रेस वार्ता में पूछे जाने पर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है, जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.