लातेहार जिले के पेसरार पंचायत के रेहलदाग गांव में धर्म परिवर्तन करनेवाले एक दर्जन परिवारों का राशन-पानी गांववालों ने बंद कर दिया है. इनका गुनाह सिर्फ इतना है कि इन्होंने दुर्गा पूजा में चंदा की पूरी राशि नहीं दी थी. इसके कारण इन परिवारों को न सिर्फ धमकियां मिल रही हैं, बल्कि इन पर अपना पुराना धर्म अपनाने का दबाव भी डाला जा रहा है. पुलिस ने मामले की जांच कर दोनों पक्षों को मेल-मिलाप के साथ रहने का निर्देश दिया है.
13 परिवारों ने किया धर्म परिवर्तन
रेहलदाग गांव के 13 परिवारों ने धर्म परिवर्तन किया है. इससे न सिर्फ गांव के लोग नाराज हैं बल्कि पीडीएस दुकानदार शांति दल (महिला स्वयं सहायता समूह ) ने भी इन परिवारों का राशन बंद कर दिया है.
अपना पुराना धर्म अपनाने का दबाव, मिल रही धमकियां
इन परिवारों को गांव के लोग कई तरह की धमकियां दे रहे हैं. वह उन्हें अपना पुराना धर्म अपनाने का दबाव डाल रहे हैं. बार-बार उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि पुराना धर्म अपना लें, नहीं तो उनकी खैर नहीं है.
चापानल और कुआं से पानी लेेने पर भी रोक
दुर्गा पूजा समिति, रेहलदाग के सदस्यों ने इन परिवारों को चेतावनी दी है कि यदि वे फिर से अपने धर्म में वापस नहीं लौटे, तो चापानल और कुआं का पानी भी उन्हें पीने या अन्य कार्यों के लिए नहीं लेने दिया जायेगा. सिर्फ कुआं ही नहीं, गांव वालों द्वारा रेहलदाग डैम का पानी सिंचाई के लिए भी नहीं लेने दिया जायेगा.
दुर्गा पूजा में चंदा की पूरी राशि नहीं देने पर भड़के समितिवाले
दुर्गा पूजा के दौरान पूजा समितिवालों ने इन गरीब परिवारों से 551 रूपये चंदा देने की मांग की थी. इन परिवारों ने इसमें असमर्थता जताते हुए 151 रूपये लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि वह गरीब हैं. बड़ी राशि दे पाने में सक्षम नहीं हैं.
इतना सुनते ही पूजा समिति के लोग भड़क गये और तानाशाही फरमान जारी कर दिया.
अपना धर्म छोड़ दिये हो…अब चंदा भी नहीं दे रहे हो
पीड़ित परिवार के मुखिया सिवा भुईयां, राम सहाय उरांव, सुगन भुईयां, जमेदार उरांव, रामदेव उरांव, बबलू उरांव, नामी उरांव, जास्मिन कुंवर, दशरथ भुईयां ने बताया कि इस वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान रेहलदाग दुर्गा पूजा समिति के सदस्य राजेश उरांव, उमस सिंह, गोपाल सिंह, बैजनाथ सिंह, मुनेश्वर सिंह, परसाद सिंह, अजय सिंह, सन्तु सिंह, कारू साव, पवन सिंह, पंचम सिंह, अजय सिंह, बना सिंह चंदा लेने उनके पास पहुंचे. चंदा की राशि कम देने पर वे भड़क गये. कहा कि अपना धर्म छोड़ दिये हो.अब चंदा भी नहीं दे रहे हो. कोई सरकारी लाभ नहीं लेने देंगे. राशन-पानी तक नहीं लेने देंगे.
पीड़ित परिवारों ने लगाई मदद की गुहार
गांव वालों द्वारा जारी फरमान से भयभीत पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. लातेहार उपायुक्त, लातेहार थाना और लातेहार प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को इस संदर्भ में आवेदन देकर सुरक्षा का आग्रह किया है.
पीड़ित परिवार की जुबानी, धर्म परिवर्तन की कहानी
रेहलदाग निवासी सिवा भुईयां बताते हैं कि वर्ष 2013 में उन्होंने धर्म परिवर्तन किया था. इसके बाद उनकी पत्नी अनीता देवी और चार बेटों और एक बेटी ने भी इस धर्म को अपना लिया. वह बताते हैं कि पहले काफी परेशान रह रहे थे. जादू – टोना, भूत-प्रेत, ओझा-गुनी के चक्कर में फंसकर जिंदगी तबाह हो गयी थी. झाड़-फूंक वाले कभी बकरा तो कभी रुपया मांगते थे.सबकुछ देने के बाद भी मिला कुछ नहीं, लेकिन पूरा परिवार बरबाद हो गया था.
धर्म परिवर्तन कर आज पूरा परिवार है खुशहाल
इसी मुसीबत के दौरान किसी ने बताया कि लातेहार जिला मुख्यालय के पहाड़ पूरी मोहल्ले में एक चर्च है, जिसका नाम सीजीएम चर्च है. यहां पहुंचने के बाद किसी ने एक रुपया नहीं मांगा. कुछ ही दिनों में पूरा परिवार इन समस्याओं से बाहर आ गया.आज पूरा परिवार खुशहाल है. बुरी लत छूट चुकी है. अंधविश्वास की दुनिया से पूरा परिवार बाहर निकल गया है.
किसी भी कीमत पर वापस अपने पुराने धर्म में नहीं आऊंगा
गांव के 13 परिवारों द्वारा धर्म परिवर्तन करनेवालों में से ही एक परिवार है, राम सहाय उरांव का परिवार. वह कहते हैं कि वर्ष 2011 में उन्होंने धर्म परिवर्तन किया. उनकी पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों ने भी स्वेच्छा से ईसाई धर्म को ग्रहण किया. इससे पहले तीन पीढ़ियों से हम सब परेशान थे. जादू-टोना, भूत-प्रेत, ओझा-गुनी के चक्कर में फंसे रहते थे. परिवार की समस्याओं को ठीक करने के नाम पर ओझा कभी बकरा तो कभी रुपया मांगते थे. मांग पूरी करने के बाद भी कुछ ठीक नहीं होता था. पूरा परिवार तबाह हो गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि आज गांव वाले हमारा विरोध कर रहे हैं, लेकिन परेशानी के दौरान कभी मदद के लिए वे आगे नहीं आये. कभी मदद किया भी तो बदले में दोगुना ले लिया. आज वह परेशान नहीं हैं. सब ठीक-ठाक चल रहा है, तो दूसरे धर्म को मानने वाले हमारा विरोध कर रहे हैं. मुझे फिर से अपने पुराने धर्म में आने के लिए दबाव डाल रहे हैं.वह कहते हैं कि किसी भी कीमत पर वापस अपने पुराने धर्म में नहीं आऊंगा.
चर्च की शरण में आते ही जिंदगी अच्छी कट रही है
ऐसा ही एक परिवार है जमेदार उरांव का. वह कहते हैं कि वर्ष 2010 में ईसाई धर्म ग्रहण किया था. उनके साथ उनकी पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों ने भी इस धर्म को अपनाया. पहले अंधविश्वास के चक्कर में काफी लुट गये, लेकिन मिला कुछ नहीं. जब से सीजीएम चर्च की शरण में आए, सब ठीक हो गया है. आज कोई परेशानी नहीं है. इसके बाद भी गांववालों को उनसे परेशानी हो रही है.
इन परिवारों ने भी किया धर्म परिवर्तन
ईसाई धर्म अपनानेवाले अन्य परिवारों में राम देव उरांव, जिन्होंने वर्ष 2012 में अपनी पत्नी और बच्चों सहित इस धर्म को अपनाया.बबलू उरांव ने वर्ष 2007 में अपने परिवार के साथ, नामी उरांव ने वर्ष 2011 में पूरे परिवार के साथ, जसम्नी कुंवर ने वर्ष 2011 में अपने पति और बच्चों के साथ, दशरथ भुईयां ने वर्ष 2009 में अपने पूरे परिवार के साथ ईसाई धर्म ग्रहण किया. इन सभी ने कहा है कि उन्होंने किसी भी दबाव में आकर धर्म परिवर्तन नहीं कराया है.
धर्म परिवर्तन व्यक्ति की अपनी इच्छा है
सीजीएम चर्च के पास्टर ने बताया कि धर्म परिवर्तन व्यक्ति की अपनी इच्छा है. इंसान वही करता है, जो उसे अच्छा लगता है. मैंने किसी को हाथ पकड़ कर चर्च में नहीं लाया. ग्रामीण खुद ईश्वर की महिमा की चर्चा सुन कर यहां आते हैं. ग्रामीणों को लगता है जीवन पहले से बेहतर हुआ है, तो वे हमारे साथ जुड़ जाते हैं.
दोनों पक्षों को मेल -मिलाप के साथ रहने को कहा गया है
लातेहार थाना प्रभारी रमेश सिंह ने बताया कि गांव में दोनों पक्षों को समझा दिया गया है कि वे मेल मिलाप के साथ रहें, अन्यथा प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी.
सूचना मिलने पर पुलिस, लातेहार बीडीओ और सीओ के साथ जांच के लिए गांव में गयी थी. जांच के दौरान यह बात सामने आयी थी कि दुर्गा पूजा के लिए चंदा देने का दबाव बनाया जा रहा था. मूर्ति विसर्जन के दौरान पीड़ित ग्रामीणों के बीज बोये गये खेत को रौंद दिया गया था.
पीड़ित परिवार को अनाज उपलब्ध कराया जायेगा
जिला आपूर्ति पदाधिकारी शैल प्रभा कुजुर ने कहा कि मामला काफी संगीन है. धर्म से सम्बंधित मामले की जांच अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे. आपूर्ति विभाग की जांच टीम गांव जा कर मामले की जांच करेगी और पीड़ित परिवार को अनाज उपलब्ध कराया जायेगा.