90 फीसदी काम होने के बाद अधूरा छोड़ दूसरी जगह बन रहा एएनएम ट्रेनिंग सेंटर

लातेहार: लगभग 70 लाख रुपये खर्च कर भवन को अधूरा छोड़ कर फिर से नया भवन बनाने का एक मामला प्रकाश में आया है. शहर के धर्मपुर मुहल्ले में वर्ष 2005-06 में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर भवन का निर्माण प्रारंभ किया गया. लगभग दो वर्षों में भवन की ढलाई हो गयी, लेकिन उसके बाद कार्य अधूरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2017 12:42 PM
लातेहार: लगभग 70 लाख रुपये खर्च कर भवन को अधूरा छोड़ कर फिर से नया भवन बनाने का एक मामला प्रकाश में आया है. शहर के धर्मपुर मुहल्ले में वर्ष 2005-06 में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर भवन का निर्माण प्रारंभ किया गया. लगभग दो वर्षों में भवन की ढलाई हो गयी, लेकिन उसके बाद कार्य अधूरा छोड़ कर एजेंसी एनआरइपी गायब हो गयी. बताया जाता है कि एनआरइपी ने उक्त भवन निर्माण की लागत करीब एक करोड़ रुपये प्राक्कलित की थी, जिसे तत्कालीन उपायुक्त ने प्रशासनिक स्वीकृति दी थी. काम लगभग 90 फीसदी पूरी होने के बाद उक्त भवन को यूं ही छोड़ दिया गया.
वित्तीय वर्ष 2015-16 में सिविल सर्जन ने एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की आधारशिला माको ग्राम में रखी. लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से माको में यह भवन बनाया जा रहा है. बगैर अभियंता की देखरेख में भवन तैयार किया जा रहा है. धर्मपुर में अर्धनिर्मित भवन को बगैर अनुपयोगी घोषित किये ही अन्यत्र भवन का निर्माण लोगों के गले नहीं उतर रहा है. बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग बगैर प्रशासनिक विमर्श के ही उक्त भवन का निर्माण कराया है. लाखों रुपये की लागत से बना अर्द्धनिर्मित यह भवन आज मवेशियों का अड्डा बन गया है.
भवन क्यों अधूरा है, जांच की जा रही है: डीडीसी
अधूरे भवन के संबंध में पूछे जाने पर उप विकास आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें इस अधूरे भवन की जानकारी मिली है इसकी जांच की जा रही है. संभवत: तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से एजेंसी एनआरइपी ने काम अधूरा छोड़ा है. एनआरइपी एवं सिविल सर्जन को इस संबंध में पत्राचार किया जायेगा.
एएनएम भवन के लिए भूमि हस्तांतरित नहीं हुई है: सीओ
सदर अंचल अधिकारी हरीश कुमार का कहना है कि एएनएम नर्सिंग स्कूल या छात्रावास के लिए कोई भूमि सदर अंचल में स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित नहीं की गयी है. नये भवन निर्माण के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है, स्थल के मुआयना के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

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