हां, मर गया खूंखार माओवादी नेता अरविंद जी, माओवादियों की रीजनल कमेटी ने की पुष्टि
गारू (लातेहार) : नौराज्यों की पुलिस की नाक में दम कर देने वाले भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं में शुमार देवकुमार सिंह उर्फ अरविंदजी उर्फ निशांत जी अबइसदुनियामेंनहींहै. भाकपा माओवादियों के बिहार रीजनल कमेटी के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि एक करोड़ रुपये के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य अरविंद जी […]
गारू (लातेहार) : नौराज्यों की पुलिस की नाक में दम कर देने वाले भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं में शुमार देवकुमार सिंह उर्फ अरविंदजी उर्फ निशांत जी अबइसदुनियामेंनहींहै. भाकपा माओवादियों के बिहार रीजनल कमेटी के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि एक करोड़ रुपये के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य अरविंद जी की हार्टअटैक से मौत हो चुकी है. प्रवक्ता ने फोन करकेकहा कि अरविंदजी (69) की मौत 21 मार्च को दोपहर में हो गयी. 22 मार्च की शाम क्रांतिकारी परंपरा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर दो मिनट का मौन रखा गया. साथ ही अरविंद जी के आदर्शों पर चलने की शपथ ली गयी.
प्रवक्ता ने कहा कि शासक वर्ग ने जीते-जी अरविंद जी का इलाज भी नहीं होने दिया. वहीं दूसरी ओर उनका पार्थिव शरीर लेने आ रहे परिजनों को हिरासत में ले लिया गया. उन्हें अंतिम दर्शन करने से भी रोका गया. बिहार के जहानाबाद के सुपुंची गांव निवासी अरविंद जी पर बिहार, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
शोषण के खिलाफ जीवन भर लड़ते रहे : बिहार रीजनल कमेटी के प्रवक्ता ने कहा कि बीमार होने के बाद भी अरविंद जी ने पार्टी व पीएलजीए का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया. उनके निधन से संगठन को अपूरणीय क्षति हुई है. अरविंद जी जेपी आंदोलन के समय से बिहार के क्रांतिकारी संघर्ष से जुड़े थे. उन्होंने अपने जीवन का 42-43 वर्ष संगठन के लिए समर्पित कर दिया.