महुआडांड़ से लौटे बंधु तिर्की ने कहा, भूख से हुई है रामचरण की मौत, सरकार संज्ञान ले
रांची/लातेहार : झारखंड (Jharkhand) में ‘भूख’ से मौत (Starvation) के मामले की जानकारी लेने के लिए झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के नेता बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) शनिवार को लातेहार (Latehar) के महुआडांड़ (Mahuadand) पहुंचे. वहां मृतक के परिजनों से मिले. वहां से लौटने के बाद श्री तिर्की ने कहा कि रामचरण मुंडा (Ramcharan Munda) की […]
रांची/लातेहार : झारखंड (Jharkhand) में ‘भूख’ से मौत (Starvation) के मामले की जानकारी लेने के लिए झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के नेता बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) शनिवार को लातेहार (Latehar) के महुआडांड़ (Mahuadand) पहुंचे. वहां मृतक के परिजनों से मिले. वहां से लौटने के बाद श्री तिर्की ने कहा कि रामचरण मुंडा (Ramcharan Munda) की मौत भूख से ही हुई है. डीलर ने तीन महीने से राशन (Ration) नहीं दिया. छह महीने से वृद्धा पेंशन (Pension) बंद है. चार दिन से उसके घर में खाना नहीं बना था. एक सामान्य आदमी एक दिन भूखा (Hunger) रहे, तो कमजोर हो जाता है. वह तो बुजुर्ग भी था और गरीब भी.
सरकार और उसके अधिकारी मामले को दबा न सकें, इसलिए बंधु तिर्की महुआडांड़ गये थे. वस्तुस्थिति का जायजा लेकर लौटे हैं. अब इसकी रिपोर्ट पार्टी प्रमुख बाबूलाल मरांडी को देंगे. prabhatkhabar.com से बातचीत में श्री तिर्की ने बताया कि वह पीड़ित परिवार से मिले. गांव के लोगों से भी मिले. लोगों ने बताया कि उसकी मौत भूख से ही हुई है. झाविमो नेता ने कहा कि अब पार्टी स्तर पर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. इसके बाद झारखंड में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार पर दबाव बनायेंगे.
बंधु तिर्की ने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि जिस दिन रामचरण मुंडा की मौत की खबर आयी, उस दिन जिला के उपायुक्त महुआडांड़ में ही थे. सूचना होने के बावजूद उन्होंने मृतक के घर जाने की जरूरत नहीं समझी. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है. उन्होंने कहा कि डीसी का यह रुख दर्शाता है कि झारखंड का प्रशासन कितना संवेदनहीन हो गया है.
इसे भी पढ़ें : झारखंड के नये डीजीपी कमल नयन चौबे ने पदभार संभाला
ज्ञात हो कि रामचरण मुंडा की मौत से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. भूख से मौत की सूचना मिलने के बाद गांव में पहुंचे एसडीओ और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को शुक्रवार को लोगों ने खूब खरी-खोटी सुनायी. हालांकि, अधिकारियों ने ऑफलाइन राशन का वितरण करवाया. इस पर लोगों ने कहा कि यदि पहले ही यह व्यवस्था हो गयी होती, तो शायद रामचरण मुंडा की मौत नहीं होती.
दूसरी ओर, डीलर मीना देवी ने गांव में नेटवर्क नहीं रहने से ई-पॉश मशीन को ऑनलाइन के बदले ऑफलाइन करने का आवेदन 24 अप्रैल, 2019 को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को दिया था. डीलर के आवेदन को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने जिला में अग्रसारित कर दिया. डीलर के आवेदन के आलोक में उपायुक्त ने 10 मई, 2019 को खाद्य सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मामले के सचिव को पत्र लिखकर राशन वितरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ई-पॉश मशीन को ऑफलाइन करने की अनुशंसा की थी, जो अब तक नहीं हुई. इसलिए राशन का वितरण नहीं हो रहा था.
महुआडांड़ (Mahuadand) के दुरूप पंचायत (Durup Panchayat) के लुरगुमी कला (Lurgumi Kala) गांव में 5 जून को एक वृद्ध व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी. महुआडांड़ (Mahuadand) के नरेगा सहायता केंद्र की अफसाना ने एसडीओ को बताया था कि मृतक रामचरण मुंडा (65) के घर में राशन का एक दाना भी नहीं था. इसलिए उसकी मौत भूख से हुई है. अफसाना को ग्रामीणों ने यह भी बताया कि राशन डीलर मीना देवी ने तीन महीने से राशन का वितरण नहीं किया.
हालांकि, एसडीओ सुधीर कुमार दास ने रामचरण मुंडा की भूख से मौत की बात को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि मृतक की पत्नी चमरी देवी का ब्लड प्रेशर ठीक है. इसलिए यह कहना कि रामचरण की मौत भूख से हुई है, ठीक नहीं है. वहीं, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड विकास मोर्चा ने कहा है कि प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में जुटा है.