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लातेहार : आखिर कब पूरी होगी बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन परियोजना?

आशीष टैगोर, लातेहार विगत सात दशक से निर्माण की बाट जोह रही बहुप्रतिक्षित बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन परियोजना एक बार फिर चर्चा में है. चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह ने गत दिन धनबाद डीआरएम कार्यालय में हाजीपुर रेल जोन के महाप्रबंधक के साथ आयोजित बैठक में चिरीमिरी रेल लाइन परियोजना पर ध्यान आकृष्ट कराया और इसे […]

आशीष टैगोर, लातेहार

विगत सात दशक से निर्माण की बाट जोह रही बहुप्रतिक्षित बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन परियोजना एक बार फिर चर्चा में है. चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह ने गत दिन धनबाद डीआरएम कार्यालय में हाजीपुर रेल जोन के महाप्रबंधक के साथ आयोजित बैठक में चिरीमिरी रेल लाइन परियोजना पर ध्यान आकृष्ट कराया और इसे पूरा कराने की दिशा में पहल करने की बात कही.

बताया जाता है कि वर्ष 1942 के दौरान बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन परियोजना का काम प्रारंभ हुआ था. लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध प्रारंभ हो जाने के कारण उक्त परियोजना पर ग्रहण कर लग गया था.

क्या है बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन

बताया जाता है बरवाडीह-चिरीमिरी लाइन का निर्माण हो जाने से बरवाडीह से मुंबई की दूरी आधी हो जायेगी. चिरीमिरी से विश्रामपुर (छत्तीसगढ़) 129 किलोमीटर रेलखंड वर्ष 1962 से ही परिचालन में है. विश्रामपुर से अंबिकापुर (छत्तीसगढ़) तक 19 किलोमीटर रेल लाइन पूरी कर ली गयी है. अंबिकापुर से बरवाडीह तक 182 किलोमीटर की रेल लाइन को पूरा करना है. इस रेल लाइन के पूरा हो जाने से बरवाडीह से मुंबई जुड़ जायेगा.

इंदर सिंह नामधारी ने उठायी थी आवाज

ज्ञात हो कि रेलवे मंत्रालय ने इस रेल लाइन को अव्यवहारिक एवं अलाभप्रद मानकर इसके निर्माण को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. लेकिन वर्ष 2012 में तत्कालीन सांसद इंदर सिंह नामधारी ने लोकसभा में इस परियोजना को पूरा कराने की मांग उठायी थी और तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात भी की थी. श्री नामधारी ने बताया कि सुश्री बनर्जी ने ऐसी कोई परियोजना के होने से इंकार कर दिया था. लेकिन बाद में फिर फाइलों को खंगालने पर इस परियोजना का पता चला.

क्या है अद्यतन स्थिति

श्री नामधारी के द्वारा मांग उठाये जाने पर योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने अपने पत्रांक डीओ नंबर 7/46/2012-टीपीटी/डीसीएच/11/12/सीडी-521 के माध्यम से श्री नामधारी को जानकारी दी थी कि इस रेल लाइन निर्माण परियोजना को योजना आयोग ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है.

हालांकि इसके लिए योजना आयोग ने दो शर्तें रखी थी. पहली, राज्य सरकार को रेलवे लाइन निर्माण के लिए जमीन नि:शुल्क देनी होगी और दूसरी, इसका निर्माण पीपीपी मोड के तहत सीसीएल एवं अन्य कंपनियों के सहयोग से ज्वायंट वेंचर के रूप में कराया जायेगा. लेकिन वर्ष 2012 के बाद से इस परियोजना पर कोई प्रगति नहीं हुई है.

नामधारी ने कहा- जमीन अधिग्रहण किया जा चुका है

‘प्रभात खबर’ से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद श्री नामधारी ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान (वर्ष 1942) ब्रिटीश हुकुमत के दौरान बरवाडीह-चिरीमिरी लाइन का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था और जमीन अधिग्रहण संबंधी सभी कार्य पूरे कर लिये गये थे.

उन्‍होंने बताया कि रेलवे लाइन बिछाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया था. रेलवे दस्तावेजों में इसका प्रमाण है. बरवाडीह से अंबिकापुर के बीच कई रेलवे स्टेशनों का नामकरण भी किया गया था. सरकार अगर चाहे तो रेलवे विभाग के अभिलेखों से सब जानकारी प्राप्त कर सकती है. इस रेल परियोजना का निर्माण हो जाने से लोगों को मुंबई आने-जाने में काफी सहुलियत होगी.

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