चंदवा/रांची : शुक्रवार की रात करीब आठ बजे एनएच 75 पर चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत लुकुइया चौक पर खड़ी पीसीआर वैन पर हुए नक्सली हमले ने पुलिस सूचना तंत्र व पैट्रोलिंग कार्यशैली की पोल खोल कर रख दी है. इस हमले में कुल चार पुलिस जवान शहीद हो गये. सूत्रों की मानें तो घटना के पूर्व उग्रवादी संगठन के लोगों ने घटनास्थल की रेकी की थी.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटनास्थल के नजदीक ही पान गुमटी के समीप तीन-चार लोग शाल ओढ़कर पहले से बैठे थे. करीब आठ बजे यहां पूरी तरह सन्नाटा था. आसपास की दुकानें बंद थीं. इसी बीच तेज आवाज से डीजे बजता एक वाहन गुजरा. इसके बाद तुरंत गोलियों की आवाज शुरू हो गयी. पीसीआर वैन का मुंह पूर्व दिशा की ओर था. दाहिनी ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी. वाहन पर सौ से भी ज्यादा गोलियों के निशान हैं. उग्रवादी किस ओर से आये, इस पर संशय बना है. पान गुमटी के समीप व पीसीआर वैन के पश्चिम दिशा में बने घर के बगल से दर्जनों खोखे पुलिस ने बरामद किये हैं.
इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उग्रवादी दोनों ओर से गोलियों की बौछार कर रहे थे. शनिवार की सुबह घटनास्थल को सील कर दिया गया. गुमटी के समीप से तीन शॉल पुलिस ने बरामद किये हैं. बता दें कि माओवादियों ने दो दशक पूर्व बुध बाजार में तत्कालीन दारोगा किरानी सिंह की सरेआम गोली मार हत्या की थी. वहीं एनएच 75 स्थित टुढ़ामू गांव के समीप रेल कठपुलिया के समीप भी हमला बोल कर एक सीआरपीएफ जवान की हत्या कर दी थी.
ये हुए शहीद
घटना में एक एएसआइ सुकरा उरांव चुमनू गांव (घाघरा, गुमला), शंभु प्रसाद (पल्हैया, मनिका), चालक यमुना राम (लेस्लीगंज) व सिकंदर सिंह पतरातू गांव (रिचुघूटा, लातेहार) शहीद हुए. शंभु प्रसाद के दो बेटे हैं. पत्नी मुनी देवी का बुरा हाल है. वहीं चुमनू गांव में भी शोक की लहर है.