माता-पिता हैं बीमार, स्कूल नहीं जा पा रही हैं बेटियां

बेतला : पूजा व सरस्वती दोनों बहनें पढ़ना चाहती हैं, लेकिन परिस्थिति इसमें बाधक बन रही है. सरस्वती की उम्र आठ वर्ष की है. उसकी बहन पूजा की उम्र दस वर्ष की है. इस उम्र में दोनों पर एक बड़ी जिम्मेवारी आ गयी है. मां सूरती देवी बीमारी से ग्रसित होकर अपाहिज सी हो गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2020 12:41 AM

बेतला : पूजा व सरस्वती दोनों बहनें पढ़ना चाहती हैं, लेकिन परिस्थिति इसमें बाधक बन रही है. सरस्वती की उम्र आठ वर्ष की है. उसकी बहन पूजा की उम्र दस वर्ष की है. इस उम्र में दोनों पर एक बड़ी जिम्मेवारी आ गयी है. मां सूरती देवी बीमारी से ग्रसित होकर अपाहिज सी हो गयी है. पिता मनोज परहिया टीबी से ग्रस्त हैं.

इस उम्र में दोनों बेटियां किसी तरह मेहनत कर खुद के साथ-साथ अपने माता-पिता की परवरिश कर रही हैं. यह स्थिति आदिम जनजाति के परहिया वर्ग से आने वाले परिवार की है. झारखंड राज्य गठन के बाद से ही विलुप्त हो रही आदिम जनजातियों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं चल रही हैं.
दूसरी तरफ, बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान भी चल रहा है. यह योजना सरस्वती व पूजा की किस्मत बदलने में नाकाम साबित हो रही है. पूजा व सरस्वती दोनों बेतला व नेशनल पार्क से सटे परहिया टोले में रहती हैं. अभी दो दिन पहले ही नेशनल पार्क से सटे कुटमु गांव की विद्यावती कुमारी खून की कमी के कारण मर गयी है. पूजा व सरस्वती की कहानी भी यह बताने के लिए काफी है कि हालात ऐसे रहे, तो कैसी पढ़ेंगी बेटियां और कैसे आगे बढ़ेंगी बेटियां. परहिया टोला में लगभग 15 घर है.
सभी परहिया परिवार के लोग रहते हैं. टोला में जाने के बाद यह देखने को मिलता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुछ आवास का निर्माण कराया गया है. पेयजल के लिए सोलर सिस्टम की भी व्यवस्था है. सौभाग्य योजना के तहत बिजली भी पहुंच गयी है, लेकिन यह सब पूजा व सरस्वती के भाग्य को बदलने के लिए काफी नहीं है. दोनों बहनें बताती हैं कि जब माता-पिता बीमार नहीं थे, तो वह लोग प्रतिदिन स्कूल जाते थे. आज भी पढ़ने की इच्छा है.
यदि स्कूल जायेंगे, तो फिर माता-पिता की देखभाल कौन करेगा. मनोज व सुरती देवी की बीमारी बढ़ती जा रही है. पूजा व सरस्वती चाहती हैं मां-बाप की देखभाल हो जाये. पर कोई भी मददगार आगे नहीं आ रहा है. निराश पूजा व सरस्वती को अब ईश्वर पर ही भरोसा है. बीमारी ठीक होगी, तो फिर से स्कूल जाने की तैयारी होगी.

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