आशीष टैगोर, लातेहार
चीन से फैले कोरोना वायरस से पूरी दुनिया चिंतित है. इसके बचाव के लिए सरकार के द्वारा एडवाजरी जारी की जा रही है और जागरुकता अभियान चलाये जा रहे हैं, लेकिन लातेहार में मांस मछली बेचने वाले दुकानदारों पर इसका कोई असर पड़ता दिखायी नहीं दे रहा है. शहर के विभिन्न मांस मछली दुकानों में न तो सफाई का ख्याल रखा जा रहा है और ना ही मांस बेचने के सरकारी प्रावधानों का पालन किया जा रहा है.
शहर के एक-दो दुकानों को छोड़कर शेष सभी मांस बेचने वाले दुकानदारों का यही हाल है. अधिकांश दुकानदारों के पास मांस बेचने का लाइसेंस नहीं है. खस्सी काटने से पहले उसका मेडिकल जांच कराने का प्रावधान है. बीमार जानवरों को नहीं काटना है, लेकिन इस प्रावधान का यहां पालन नहीं किया जा रहा है.
खुले में टांगकर मटन बेचने से उसमें संक्रमण की आशंका अधिक होती है. शहर के अधिकांश मुर्गा व खस्सी मीट दुकान सड़क पर हैं और यहां खुले में ही मांस बेचे जाते हैं.
मात्र तीन ही लाइसेंसधारी दुकान हैं
जानकारी के अनुसार नगर पंचायत में मात्र तीन ही मांस दुकानों का लाइसेंस है. जबकि शहर में एक दर्जन से अधिक जगहों पर मांस की बिक्री की जाती है. शहर के रेलवे स्टेशन के क्रासिंग के पास, चाणक्य नगरी, बाइपास चौक, सब्जी मार्केट, माको मोड़ व प्रखंड परिसर के पास सड़क पर ही खुले में मांस बेचे जा रहे हैं.
क्या कहते हैं अनुमंडल पदाधिकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर अनुमंडल पदाधिकारी सागर कुमार ने बताया कि खुले में मांस बेचना प्रावधानों के खिलाफ है. मांस को परदे में ही बेचना है. अगर कहीं खुले में मांस बेचा जाता है तो इसकी जांच करा कर कार्रवाई की जायेगी.
क्या कहते हैं पशुपालन पदाधिकारी
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ रामसेवक राम ने पूछे जाने पर बताया कि प्रावधानों के अनुसार किसी भी दुकान पर खस्सी काटने से पहले उसकी मेडिकल जांच आवश्यक है. बीमार पशुओं का वध नहीं करना है. लेकिन दुकानदार इन नियमों का पालन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि सड़क पर या खुले में पशु या पक्षी का मांस बेचना गलत है. खुले में मांस बेचने से उसमें संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है.