बारिश से दो पंचायतों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट

* 22 गांवों के ग्रामीण चार माह तक चिकित्सा समेत आवश्यक सेवा से वंचित रहेंगे* कोयल व चौपत नदी पर पुल बनने से ही परेशानी हो सकती है दूरगारू (लातेहार) : बरसात शुरू होने के साथ ही गारू प्रखंड के दो पंचायतों घासीटोला एवं चोरहा के 22 गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:49 PM

* 22 गांवों के ग्रामीण चार माह तक चिकित्सा समेत आवश्यक सेवा से वंचित रहेंगे
* कोयल व चौपत नदी पर पुल बनने से ही परेशानी हो सकती है दूर
गारू (लातेहार) : बरसात शुरू होने के साथ ही गारू प्रखंड के दो पंचायतों घासीटोला एवं चोरहा के 22 गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है. अब करीब चार माह तक इन गांवों के करीब पांच हजार ग्रामीणों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कटा रहेगा.

उक्त गांवों में संपर्क के लिए न तो दूरसंचार सेवा उपलब्ध है व न ही कोई दूसरा साधन. दोनों पंचायतों तक जानेवाली सड़क पर कोयल व चौपत नदी पर पुल नहीं होने से बरसात के चार महीने यातायात पूरी तरह ठप हो जाता है. प्रखंड मुख्यालय पहुंचने के लिए लोगों को जान जोखिम में डाल कर कोयल व चौपत नदी पार करना पड़ता है.

चोरहा व घासीटोला पंचायत के नइकी डबरी, पुरानी डबरी, चिपरू, मुरपा, डोरम, मुकुंदपुर, लाइचोरहा, बंदुआ, सरयू, चांयू, गोतांग, पइला पत्थर, अलगडीहा, रोल, पतरातू, सोनवार, गाड़ीगड़ा, घासीटाला, पीरी, कोरवाटोला, कारीटोला गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है. वहीं चोरहा पंचायत के बंदुआ, चोरहा, लाइ गोतांग गांव कोयल व चौपत नदी से घिरा होने के कारण ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ जाती है.

ग्रामीण आवश्यक चीजों के अलावे चिकित्सा सुविधा से भी वंचित हो जाते हैं. आजादी के वर्षो बाद भी सरयू एवं चौपत नदी पर पुल नहीं बनना आश्चर्यजनक है. केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश व सुशील कुमार शिंदे सरयू का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने सरयू एक्शन प्लान के तहत प्राथमिकता के आधार पर पुल निर्माण की बात कही है. मगर एक वर्ष बाद भी पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है.

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