चंदवा/लातेहार. चंदवा प्रखंड स्थित मां उग्रतारा मंदिर में कई वर्षों से 16 दिवसीय शारदीय नवरात्र अनुष्ठान का आयोजन हो रहा है. अनुष्ठान गुरुवार से शुरू हो गया. मंदिर में जितिया व्रत के पारण के दिन कलश स्थापना कर पूजा प्रारंभ कर दी गयी है. 16 दिवसीय पूजन के बाद विजयादशमी के दिन मां भगवती को पान चढ़ाया जाता है. आसन से पान गिरने के बाद यह मान्यता है कि भगवती की ओर से विसर्जन की अनुमति मिल गयी है, तब विसर्जन होता है. मंदिर के गोविंद बल्लभ मिश्रा ने बताया कि पूजा पद्धति कालिका व मार्कण्डेय पुराण से ली गयी है. दो अक्तूबर को मां गौरा के आगमन के बाद सात कलश की स्थापना और शाम में पूजा होती है. तीन अक्तूबर शुक्ल पक्ष पंचमी को मंडप स्थित कलश पूजा के बाद श्रद्धालुओं द्वारा पूजा की जाती है. षष्ठी बुधवार को विल्वभिमंत्रण के लिए दामोदर गांव में प्रस्थान किया जाता है. 10 अक्तूबर को गौरा विसर्जन के बाद देवी को लाने के लिए दामोदर गांव जाया जाता है. दोपहर 3:30 बजे देवी स्नान व शाम में सप्तमी कलश स्थापना तथा पूजन होती है. 11 अक्तूबर की सुबह 6:45 बजे में संधि काल में महिष बलि, रात्रि में अष्टमी नवमी महानिशा पूजा के बकरा की बलि दी जाती है. सुबह 5:47 बजे महामार (काड़ा बलि) और 12 अक्तूबर को सुबह आरती के बाद भगवती का भव्य शृंगार पान चढ़ाया जायेगा. नगर मंदिर में झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने आते हैं.
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