ओके….न लाइसेंस, न इजाजत, न आवेदन, न कर की अदायगी, न निरीक्षण

हेडलाइन…फल-फूल रहा है धंधा कबाड़ कालातेहार. लातेहार शहरी क्षेत्र में कबाड़खानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. दो-तीन वर्ष में करीब आधा दर्जन कबाड़खाने यहां खुले हैं. आश्चर्य की बात यह है कि कबाड़खानों का कोई लाइसेंस भी नहीं है. ये सरकार को किसी प्रकार का कर नहीं अदा करते हैं. इन कबाड़खानों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2015 10:02 PM

हेडलाइन…फल-फूल रहा है धंधा कबाड़ कालातेहार. लातेहार शहरी क्षेत्र में कबाड़खानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. दो-तीन वर्ष में करीब आधा दर्जन कबाड़खाने यहां खुले हैं. आश्चर्य की बात यह है कि कबाड़खानों का कोई लाइसेंस भी नहीं है. ये सरकार को किसी प्रकार का कर नहीं अदा करते हैं. इन कबाड़खानों के खुलने से लोहा चोरी की घटनाओं में इजाफा हुआ है. पुलिस भी इन कबाड़खानों की तलाशी भी नहीं करती है. आसपास के रेलवे स्टेशनों से लोहे के सामान की चोरी की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. पिछले वषार्ें में रेलवे पेंड्रोल क्लिप की चोरी की कई घटनाएं घट चुकी हैं. रेलवे की चोरी की घटनाओं के बाद रेल पुलिस भी इन कबाड़खानों तक नहीं पहुंच पाती है. किसी ने आवेदन नहीं दियास्थानीय निकाय के चैयरमैन सुशील कुमार अग्रवाल का कहना है कि लातेहार शहरी क्षेत्र में एक भी कबाड़खाना का लाइसेंस नहीं है. लाइसेंस हेतु किसी फर्म या व्यक्ति ने वर्तमान समय तक आवेदन भी नहीं दिया है.

Next Article

Exit mobile version