….दैनिक वेतनभोगी वनकर्मी की सेवा सत्यापन नहीं होने से रोष

डीएफओ के द्वारा नहीं किया जा रहा है सत्यापनगुमला डीएफओ ने किया है सत्यापनलातेहार: वन प्रमंडल पदाधिकारी (सामाजिक वानिकी) के कार्यालय में कार्य किये दैनिक वेतनभोगी राजेंद्र प्रसाद की सेवा सत्यापन नहीं होने से सरकार द्वारा प्रदत्त लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ सकता है. जानकारी के अुनसार वर्तमान में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2015 10:02 PM

डीएफओ के द्वारा नहीं किया जा रहा है सत्यापनगुमला डीएफओ ने किया है सत्यापनलातेहार: वन प्रमंडल पदाधिकारी (सामाजिक वानिकी) के कार्यालय में कार्य किये दैनिक वेतनभोगी राजेंद्र प्रसाद की सेवा सत्यापन नहीं होने से सरकार द्वारा प्रदत्त लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ सकता है. जानकारी के अुनसार वर्तमान में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर झारखंड सरकार वन विभाग में गार्ड की नौकरी हेतु आहुत नियुक्ति प्रक्रिया में वैसे अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने की घोषणा की गयी है जो पूर्व में अथवा लगातार कार्यरत हैं. श्री प्रसाद वर्ष 1989 से 2003 तक सामाजिक वानिकी प्रमंडल में बतौर टाइपिस्ट एवं छटनीग्रस्त माली के पद पर कार्य कर चुके हैं. विभाग द्वारा आवंटन नहीं होने के कारण वर्तमान में कार्यालय नहीं जा कर जीविकोपार्जन हेतु कचहरी में टाइप करते हैं. श्री प्रसाद इस बहाली प्रक्रिया शुरु होने पर अपनी आवेदन को सत्यापन हेतु वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत किया, जहां से उनका सत्यापन यह कह कर नहीं किया गया कि उपर से आदेश् नहीं है. जबकि वन प्रमंडल पदाधिकारी गुमला अखिलेश्वर कुमार के द्वारा इसी प्रकार का सत्यापन किया गया है. श्री प्रसाद ने वन प्रमंडल पदाधिकारी आरपी सिंह से आवेदन पत्र सत्यापन की मांग किया है ताकि वे इस बहाली प्रक्रिया में सम्मलित हो सके और उन्हें न्याय मिल सके. मालूम हो कि गुमला में दैनिक वेतनभोगी वन कर्मियों ने गत शनिवार को उग्र प्रदर्शन किया था. तब पदाधिकारी ने उसके आवेदनों को सत्यापित किया था.प्रावधानों का अवलोकन किया जा रहा है:डीएफओवन प्रमंडल पदाधिकारी सामाजिक वानिकी लातेहार आरपी सिंह से पूछे जाने पर उन्होने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है और वे प्रावधानों का अवलोकन कर रहे हैं.

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