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303 जंगली जानवरों को ओरमांझी से पीटीआर में किया जायेगा स्थानांतरित

पलामू टाइगर रिजर्व में भगवान बिरसा बायोलॉजिकल पार्क ओरमांझी( रांची) में मौजूद 269 चीतल हिरण, 18 सांभर, 44 ब्लैक बक (काला हिरण), 13 नीलगाय, 14 बार्किंग डियर और दो गौर को स्थानांतरित किया जायेगा.

संतोष कुमार, बेतला . पलामू टाइगर रिजर्व में भगवान बिरसा बायोलॉजिकल पार्क ओरमांझी( रांची) में मौजूद 269 चीतल हिरण, 18 सांभर, 44 ब्लैक बक (काला हिरण), 13 नीलगाय, 14 बार्किंग डियर और दो गौर को स्थानांतरित किया जायेगा. इसकी मंजूरी भारत सरकार के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए )के साथ-साथ सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) ने दे दी है. ओरमांझी से पीटीआर में इतनी तादाद में जानवरों को शिफ्ट करने का उद्देश्य यह है कि वर्तमान समय में ओरमांझी चिड़ियाघर में जानवरों की संख्या अधिक हो गयी है. ऐसे में उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करना जरूरी है. वहीं पीटीआर के साउथ डिविजन में जंगली जानवरों की कमी है, जबकि बाघों की संख्या अधिक होने की संभावना है. इसे देखते हुए पीटीआर प्रबंधन द्वारा पिछले वर्ष प्रस्ताव भेजा गया था. एनटीसीए द्वारा पहले स्वीकृति दे दी गयी थी. गत 12 जून को सेंट्रल जू अथॉरिटी के मेंबर सेक्रेटरी संजय कुमार शुक्ला ने भी स्वीकृति दे दी है. इसकी जानकारी चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को स्थानांतरण के लिए अनुमति पत्र निर्गत किया गया है. इसकी पुष्टि करते हुए पीटीआर के मुख्य वन संरक्षक सह फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि ओरमांझी से पीटीआर तक जानवरों को लाने के लिए छह महीने का समय दिया गया है, क्योंकि वर्तमान समय में अधिक गर्मी पड़ रही है. वहीं पानी की भी समस्या है. इसे देखते हुए बारिश शुरू होने के बाद जानवरों को स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया जायेगा.

पीटीआर के स्वतंत्र माहौल में ओरमांझी के जानवरों को रखना चुनौतीपूर्ण

ओरमांझी में घेराबंद जंगली वातावरण में जानवरों को रखा गया है, जबकि पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला इलाका है. साथ ही यह मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ से भी सटा हुआ है. ऐसे में चिड़ियाघर के जानवरों को यहां रखना चुनौती होगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि यहां के माहौल में ओरमांझी के जंगली जानवर किस रूप में रह पाते हैं. हालांकि पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन इसे लेकर उत्साहित है. उनका मानना है कि साउथ डिवीजन में शाकाहारी जानवरों की संख्या कम होने के कारण बाघ का स्थायी निवास नहीं हो पता है, लेकिन अब जानवरों को स्थानांतरित करने से इसका पूरा लाभ मिलेगा. चीतल के अलावा सांभर बाघ का सबसे प्रिय भोजन है. वर्तमान समय में सांभर की संख्या पलामू टाइगर रिजर्व में बहुत ही कम हो गयी है. यदि उन्हें यहां शिफ्ट कराया जाता है, तो निश्चित रूप से इसका सीधा लाभ पीटीआर को मिलेगा. साथ ही काला हिरण और बार्किंग डियर की भी संख्या काफी कम है. पीटीआर में लाने से इनके तादाद बढ़ने संभावना है, जिससे पीटीआर का गौरव बढ़ेगा.

जल्द ही जानवरों को पीटीआर में लाया जायेगा : फील्ड डायरेक्टर

फिल्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने कहा कि एनटीसीए के बाद सेंट्रल जू अथॉरिटी के परमिशन मिलने से जंगली जानवरों के स्थानांतरण का रास्ता साफ हो गया है. अब ओरमांझी से जल्द ही जानवरों को पीटीआर में लाया जायेगा.

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