100 तक गिनती भी नहीं जानते बच्चे

लातेहार : अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क आवासीय व्यवस्था के साथ शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिले में दर्जन भर विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन ये विद्यालय बदहाल हैं. कमरों में रोशनी की व्यवस्था नहीं है. कई विद्यालय भवन तो जीर्ण-शीर्ण हैं. एक ही कमरे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2015 2:00 AM
लातेहार : अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क आवासीय व्यवस्था के साथ शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिले में दर्जन भर विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन ये विद्यालय बदहाल हैं. कमरों में रोशनी की व्यवस्था नहीं है. कई विद्यालय भवन तो जीर्ण-शीर्ण हैं.
एक ही कमरे में चार कमरे के छात्रों को भेड़-बकरी की तरह रखा जा रहा है. जबकि प्रत्येक माह इन विद्यालयों के संचालन में सरकार का लगभग 30 लाख रुपये व्यय हो रहा है. उपलब्धि के नाम पर भी ये विद्यालय शून्य हैं. कई विद्यालयों के चौथी से छठे तक के विद्यार्थी सौ तक गिनती भी नहीं जानते. पहाड़ा का नाम भी नहीं सुने हैं.

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