मनरेगा : स्थानीय और प्रवासी मजदूरों के जीने का बना सहारा
लातेहार : जिले में 35 हजार 367 मजदूर मनरेगा से जुड़कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. इसमें कई मजदूर ऐसे भी हैं जो दूसरे प्रदेश से लौटकर आये हैं. जिला प्रशासन ऐसे मजदूरों की सूची बनाने में जुटा है कि कितने मजदूर बाहर से लौटे हैं और यहां पर काम कर रहे हैं. राज्य सरकार की तीन महत्वपूर्ण योजना से जुड़कर मजदूर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इन योजनाओं में जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और वीर शहीद पो-टो हो खेल मैदान विकास योजना शामिल है.
जिले में मनरेगा के तहत एक लाख 19 हजार 355 मजदूर निबंधित हैं. इनमें से 35 हजार 367 मजदूर मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. जिले की कुल 115 पंचायतों के 770 गांव में कुल 3872 योजना संचालित हैं. चंदवा प्रखंड की 17 पंचायत के 86 गांव में 557 योजना संचालित हैं जिसमें 3966 मजदूर काम कर रहे हैं. इसी प्रकार लातेहार प्रखंड की 18 पंचायत के 166 गांव में 525 योजना संचालित हैं जिसमें 5874 मजदूर काम कर रहे हैं.
बालूमाथ प्रखंड की 13 पंचायत के 67 गांव में 545 योजना संचालित है, जिसमें 6138 मजदूर, बरवाडीह प्रखंड की 16 पंचायत के 82 गांव में 397 योजना संचालित हैं जिसमें 3314 मजदूर, मनिका प्रखंड की 15 पंचायत के 82 गांव में 564 योजना संचालित है जिसमें 5894 मजदूर, गारू प्रखंड की आठ पंचायत के 74 गांव में 276 योजना संचालित है जिसमें 2957 मजदूर, महुआडांड़ प्रखंड की 14 पंचायत के 106 गांव में 418 योजना संचालित हैं जिसमें 2250 मजदूर, बारियातू प्रखंड की नौ पंचायत के 56 गांव में 381 योजना संचालित हैं जिसमें 3075 मजदूर तथा हेरहंज प्रखंड की पांच पंचायत के 51 गांव में 209 योजना संचालित है जिसमें 1899 मजदूर काम कर रहे हैं.