वन घोटाला कांड में गवाही शुरू
फरजी वाउचर के सहारे 43 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोपआरोपी हैं रांची के बिल्डर नरेंद्र बुटाला दंपतिलातेहार. चर्चित वन घोटाला कांड में गवाही शुरू हो गयी है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार दिनेश की अदालत ने वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय के प्रधान लिपिक की गवाही कलमबद्ध की. जीआर वाद संख्या 132/98 के अनुसार तत्कालीन […]
फरजी वाउचर के सहारे 43 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोपआरोपी हैं रांची के बिल्डर नरेंद्र बुटाला दंपतिलातेहार. चर्चित वन घोटाला कांड में गवाही शुरू हो गयी है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार दिनेश की अदालत ने वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय के प्रधान लिपिक की गवाही कलमबद्ध की. जीआर वाद संख्या 132/98 के अनुसार तत्कालीन वन प्रमंडल पदाधिकारी एबी सिंह ने 25 अप्रैल 1998 को प्राथमिकी दर्ज करायी था. उक्त प्राथमिकी में रांची के मशहूर बिल्डर नरेंद्र बुटाला एवं उनकी पत्नी वर्षा बुटाला पर तत्कालीन वन प्रमंडल पदाधिकारी बीके सिन्हा के साथ मिल कर 43 लाख रुपये की अवैध निकासी करने का आरोप था. अनुसंधान के क्रम में बुटाला दंपति द्वारा जारी वाउचरों का भौतिक सत्यापन किया गया, तो सभी आपूर्ति फर्म अस्तित्व हीन पाये गये. मेसर्स विहार के एल्युमिनियम एजेंसी, मेसर्स स्टील एंड एलायड प्रोडक्ट एवं पारा माउंट बिल्डर्स नामक फर्मों को जाली पाया गया. विभाग को उक्त फमार्ें का वाउचर दिया गया था और लगभग 43 लाख रुपये की अवैध निकासी की गयी थी. मालूम हो कि उक्त मामला राज्य सरकार के आदेश पर सीआइडी जांच के लिए भेजा गया था.