न घर लौटीं, न सुराग मिला अब तक
महुआडांड़ (लातेहार) : प्रखंड में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गोरखधंधा होने की खबर है. दलालों द्वारा लड़कियों को ले जाकर दिल्ली में बेचा जा रहा है. प्रखंड स्थित परहाटोली से ही अब तक लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लड़कियों को दिल्ली ले जाया गया है. गांव की पुष्पा देवी के अनुसार परहाटोली के ही विनोद नगेसिया […]
महुआडांड़ (लातेहार) : प्रखंड में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गोरखधंधा होने की खबर है. दलालों द्वारा लड़कियों को ले जाकर दिल्ली में बेचा जा रहा है. प्रखंड स्थित परहाटोली से ही अब तक लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लड़कियों को दिल्ली ले जाया गया है. गांव की पुष्पा देवी के अनुसार परहाटोली के ही विनोद नगेसिया द्वारा गांव की दो लड़की सिलवंती नगेसिया (पिता स्व दिनेशर किसान) एवं पूनम नगेसिया (पिता स्व बलबीर किसान) को 2000 में काम कराने दिल्ली ले जाया गया था. 15 वर्ष बीत जाने के बाद भी लड़कियां न तो घर लौटीं और न ही उनका कोई सुराग मिल पाया. परिजनों द्वारा दबाव देने पर दलाल विनोद नगेसिया परिवार के साथ दिल्ली भाग गया. परहाटोली के विफन नगेसिया ने बताया कि 2006 में उसकी भतीजी कांति कुमारी (पिता स्व जोहन नगेसिया) एवं बेबी नगेसिया (पिता स्व बहुरन किसान) को गांव के ही बबली नगेसिया उर्फ खबली द्वारा काम करने को कह कर दिल्ली ले जाया गया था. तब से आज तक ये दोनों बच्ची भी घर नहीं लौटीं और न ही कोई सुराग मिला. इस संबंध में बबली नगेसिया से पूछे जाने पर उसने बताया कि वह वर्ष 2000 से ही दिल्ली आती-जाती रही है. उसने कांति व बेबी को महुआडांड़ डिपाटोली के रहनेवाले रॉबिन कुजूर व उसकी पत्नी सुमंती कुजूर को सौंप दिया था. इसके अतिरिक्त परहाटोली की ही सिलवंती कुमारी (पिता स्व शत्रुघ्न किसान) 2001 में दिल्ली गयी, पर आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला.