लातेहार मनरेगा योजना में पिछले चार वर्ष में 48 लाख रुपये का हुआ फर्जीवाड़ा
पिछले चार वर्ष में 48 लाख रुपये का हुआ फर्जीवाड़ा
लातेहार : मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा पर गारू प्रखंड के नौ मुखिया समेत 36 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज होने की घटना जिले में पहली है. इसके पहले मनिका प्रखंड में वर्ष 2013 में 11 तथा हेरहंज प्रखंड में वर्ष 2015 में आठ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. लेकिन अब तक मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा पर प्रखंड स्तर के किसी पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने से योजनाओं के लिए गठित जांच कमेटी की विश्वसनीयता पर कई सवाल खड़ा होता है. मनरेगा के प्रावधानों के अनुसार योजनाओं को पूरा करने की जवाबदेही रोजगार सेवक, पंचायत सेवक तथा मुखिया की उतनी है जितनी बीडीओ की है. लेकिन मनरेगा फर्जीवाड़ा में पंचायत सेवक, रोजगार सेवक तथा मुखिया पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है लेकिन अभी तक सिर्फ बीडीओ से मात्र स्पष्टीकरण ही मांगा गया है.
गारू प्रखंड में वर्ष 2017-18 से 2020-21 के दौरान अलग- अलग वेंडरों को कुल 48 लाख रुपये का भुगतान कराया जाना मुखिया, पंचायत सेवक और रोजगार सेवक के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. प्रथम दृष्टया इन वेंडरों के भुगतान में प्रखंड के पदाधिकारी से ले कर जिला स्तर तक की मिलीभगत प्रतीत होती है. प्रखंड स्तर पर मनरेगा योजनाओं के सामग्रियों के भुगतान के लिए वेंडर चयन में बीडीओ का अहम रोल होता है.
गारू में वेडरों के खाते में ही राजमिस्त्री और मजदूरों के मजदूरी भुगतान की राशि भेजी गयी है. जिसमें वेंडर मंजर काशमी आलम को सर्वाधिक 34 लाख 28 हजार 854 रुपये, मां भगवती इंटरप्राइजेज को 11 लाख 93 हजार 662 रुपये, जय मां सीमाचंडी को एक लाख 85 हजार 774 तथा मेसर्स सूरज इंटरप्राइजेज को 10 हजार रुपये का भुगतान किया गया है.
posted by : sameer oraon