लातेहार : बहुचर्चित मनरेगा कार्यकर्ता नेयामत अंसारी हत्याकांड के सभी सात आरोपियों के साक्ष्य के अभाव में मंगलवार काे रिहा कर दिया गया. जबकि मुख्य आराेपी माओवादी कमांडर सुदर्शन जी उर्फ नंदकिशोर भारती फरार है. आराेपियाें के विरुद्ध आरोप सिद्ध नहीं होने पर जिला जज (प्रथम) राजेश कुमार पांडेय की अदालत ने रिहा करने का आदेश दिया. खचाखच भरी अदालत में अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 17 आैर बचाव पक्ष द्वारा कुल आठ गवाह पेश किये गये थे.
बहन ने दर्ज कराया था मामला : नेयामत की बहन सायरा बीबी ने मनिका थाना में 03.03.2011 काे प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दो मार्च 2011 को मनिका थाना क्षेत्र के जेरुआ ग्राम निवासी मनरेगा कार्यकर्ता नेयामत अंसारी की माओवादी कमांडर सुदर्शन जी उर्फ नंदकिशोर भारती ने साथियों के साथ घर से निकाल कर हत्या कर दी थी. माओवादी कमांडर सुदर्शन जी उर्फ नंदकिशोर भारती, कोपे जगतू जेरुआ निवासी शंकर दुबे, विजय दुबे, पुरुषोत्तम प्रसाद, वशिष्ट तिवारी, अरुण सिंह, प्रेमचंद सिंह व देवा सिंह को आरोपी बनाया गया था.
अदालत के फैसले के वक्त उपस्थित सभी सात आरोपियों के परिजनों ने कहा कि उन्हें न्याय मिली है. वहीं मारे गये मनरेगा कार्यकर्ता नेयामत की पत्नी ने अदालत के फैसले पर टिप्पणी से इनकार किया. हालांकि कहा कि उन्हें न तो उग्रवादी हिंसा का लाभ मिला और न ही कोई मुआवजा ही मिला.