विकास नहीं हुआ पेशरार पंचायत

लातेहार : सदर प्रखंड के पेशरार पंचायत में आसन्न पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिख रही है. पंचायत के निवर्तमान मुखिया मुंगेश्वर सिंह मनरेगा की एक योजना में गबन के मामले में करीब छह माह जेल में रह चुके हैं. लोगों का कहना है कि 32 वर्षों के बाद पंचायत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2015 1:30 AM
लातेहार : सदर प्रखंड के पेशरार पंचायत में आसन्न पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिख रही है. पंचायत के निवर्तमान मुखिया मुंगेश्वर सिंह मनरेगा की एक योजना में गबन के मामले में करीब छह माह जेल में रह चुके हैं. लोगों का कहना है कि 32 वर्षों के बाद पंचायत चुनाव तो हुआ, लेकिन गांव का कोई विकास नहीं हुआ. पंचायत में महज 50 घरों में शौचालय है.
स्वच्छता अभियान की स्थिति ऐसी है कि पंचायत के 15 गांवों में से पांच में भी पूरी तरह काम नहीं हो पाया है. सिर्फ कागजों एवं नुक्कड़ नाटकों तक ही स्वच्छता अभियान सिमट कर रह गया है. पंचायत की साक्षरता दर 30 प्रतिशत से भी कम है. पिछले दो वर्ष में साक्षरता समिति द्वारा लगभग 200 लोगों को साक्षर बनाने का काम किया गया है. पंचायत सचिवालय अब तक नहीं बना है. यह प्रज्ञा केंद्र में चल रहा है.
पंचायत सेवक कभी पंचायत सचिवालय नहीं आये. सचिवालय में हमेशा तालाबंदी जैसी स्थिति रही. पंचायत सेवक हमेशा दूसरे पंचायतों के प्रभार में ही रहे. लोगों का कहना है कि मुखिया के जेल जाने का खामियाजा पंचायत को झेलना पड़ा है. पंचायत वासियों का कहना है कि इस बार भ्रष्टाचार मुक्त पंचायत का निर्माण करना चुनावी मुद्दा है.
मुखिया के जेल जाने से विकास प्रभावित: कुलगड़ा निवासी पवन कुमार ने कहा कि मुखिया को अवसर मिला पर विरोधियों ने उन्हें साजिश के तहत जेल भिजवा दिया. इस कारण अपेक्षित विकास नहीं हुआ.
सिंचाई की सुविधा नहीं है: राजदेव प्रसाद ने कहा कि खेती पेशरार की पहचान थी. लेकिन सिंचाई सुविधा के अभाव में खेत बंजर जैसे हो गये हैं. क्षेत्र में सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं की गयी.
जन सुविधाओं पर काम नहीं हुआ
: मिंकू प्रसाद ने कहा कि पंचायत सेवक एवं मुखिया ने जन सुविधाअों पर काम नहीं किया. पांच साल में विकास के क्षेत्र में कोई बड़ा काम नहीं हुआ.
बड़ी योजनाएं नहीं ली गयी : पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे रवींद्र सिंह ने कहा कि पंचायत का अपेक्षाकृत काफी कम विकास हुआ है. मुखिया बिचौलियों से ही घिरे रहे. उनके जेल जाने से पंचायत शर्मसार हुआ है.
जिम्मेवारी निभायी, वक्त ने साथ नहीं दिया : मुखिया मुंगेश्वर सिंह कहते हैं कि उन्होंने मुखिया पद की जिम्मेवारी तो निभायी, लेकिन वक्त ने साथ नहीं दिया. विरोधियों ने उन्हें जेल भिजवा दिया. जिस कारण कई महत्वपूर्ण योजना अधूरी रह गयी. जरूरतमंदों को इंदिरा आवास एवं कूप योजना दिलायी गयी है.
इस बार होगी महिला मुखिया: आसन्न पंचायत चुनाव में पेशरार पंचायत महिला (अजजा) के लिए आरक्षित है.

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