70 लाख रु से बना अस्पताल भवन, पर उपयोगिता शून्य
वर्ष 2009-10 में बनाया गया था लोहरसी गांव में 30 बेड का उप स्वास्थ्य केंद्र अब तक उदघाटन भी नहीं हो पाया, खिड़की-दरवाजे हो गये गायब चंदवा : अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ पहुंचाने के ध्येय से बना स्वास्थ्य उप केंद्र लोहरसी इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. सरकारी राशि […]
वर्ष 2009-10 में बनाया गया था लोहरसी गांव में 30 बेड का उप स्वास्थ्य केंद्र
अब तक उदघाटन भी नहीं हो पाया, खिड़की-दरवाजे हो गये गायब
चंदवा : अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ पहुंचाने के ध्येय से बना स्वास्थ्य उप केंद्र लोहरसी इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. सरकारी राशि का दुरुपयोग देखना हो, तो चंदवा से नौ किमी दूर स्थित लोहरसी स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन देखिए. करीब पांच वर्ष पूर्व 70 लाख रुपये की लागत से 30 शय्या का यह भवन बनाया गया था. निर्माण के बाद से अब तक इसका उदघाटन भी नहीं हो पाया है.
अब भवन जर्जर हो चुका है. खिड़की-दरवाजे गायब होने लगे हैं. आलम यह है कि इस भवन में अब गाय-भैंस बांधे जाते हैं.जानकारी के अनुसार ऊपरी तल्ले में निजी स्कूल चलाया जा रहा है. हालांकि कुछ दूरी पर ही आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा रहा है. गांववालों ने कहा कि जिस उद्देश्य से भवन बन रहा था, वह पूरा नहीं हो पाया. अब भी स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोग सीएचसी चंदवा पर निर्भर हैं.
दर्जनों गांव के लोग होते लाभान्वित : जिस उद्देश्य को लेकर उक्त स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है, अगर वह पूरा होता तो दर्जनों गांव के लोग लाभान्वित होते. इनमें डुमारो, माल्हन, गनियारी, काली, निंद्रा, ढोटी, बैरगड़ा, ललकीटांड़, देवनिदया, केकराही, सकलेतरी, पिपरा टोली, प्रतापी टांड़, जपुआटांड़, पुतरी टोला, मोची टोला समेत अन्य गांव शामिल हैं. उप केंद्र शुरू होता, तो करीब 30 हजार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकती थी. मुखिया मानती देवी ने कहा है कि उप स्वास्थ्य केंद्र शुरू होता तो स्वास्थ्य सुविधा गांव में ही मिलती. हर हाल में इसे चालू कराया जायेगा.
उपायुक्त रवि शंकर शुक्ल से मिल कर इसकी अद्यतन स्थिती से अवगत कराऊंगी. सीएचसी चंदवा के प्रभारी डॉ हरेंद्र चंद्र महतो ने इस बाबत कहा कि मुझे इसकी पूर्ण जानकारी नहीं है. विभाग को इसकी जानकारी देकर इसकी बेहतरी का हरसंभव प्रयास करूंगा.