गारू में आदिम जनजाति बहुल गांव कारी हेनार के बच्चों का भविष्य अंधेरे में
एक साल से बंद है स्कूल
गारू (लातेहार) : गारू प्रखंड अंतर्गत आदिम जनजाति बाहुल्य गांव कारी हेनार का प्राथमिक विद्यालय पिछले एक वर्ष से पूरी तरह बंद है. इससे गांव के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. विद्यालय बंद रहने के बावजूद पदस्थापित शिक्षक को आठ महीने तक वेतन भुगतान किया गया. विद्यालय बंद रहने के कारण शिक्षण कार्य एवं मध्याह्न भोजन पूरी तरह ठप है.
विद्यालय के ग्राम शिक्षा समिति (ग्राशिस) के रवींद्र बृजिया, साधे देवी, लुजन किसान, उर्मिला देवी, बंधु नगेसिया, सेवक बृजिया, बालेसर उरांव और छात्र अमरजीत उरांव, मुकेश नगेसिया, जयप्रकाश बृजिया आदि ने बताया कि विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 54 है.
विद्यालय में उपस्थिति पंजी है, लेकिन मार्च 2015 से मार्च 2016 तक बच्चों की हाजिरी नहीं बनी. शिक्षक फरवरी 2015 से विद्यालय नहीं आ रहे हैं. विद्यालय बंद रहने के कारण बच्चे गाय-बकरी चराते हैं. कुछ बच्चों ने महुआडांड़ के दवना विद्यालय में नामांकन करा लिया है. दवना विद्यालय हेनार से 80 किमी दूर है.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों के अनुसार, विद्यालय बंद रहने की शिकायत गारू स्थित बीआरसी के अधिकारियों से की गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. पत्रकारों की शिकायत पर बीइइअो सुरेश राम ने शुक्रवार को विद्यालय का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रकाश नगेसिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएसइ लातेहार कमलेश सिंह को लिखा जायेगा. गौरतलब है कि विद्यालय मार्च 2015 से बंद रहने के बावजूद शिक्षक प्रकाश नगेसिया को नवंबर 2015 तक वेतन भुगतान किया गया.
शिक्षक पर गबन का आरोप लगा रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने शिक्षक प्रकाश नगेसिया पर छात्रवृत्ति व मध्याह्न भोजन की राशि हड़पने का आरोप लगाया. मध्याह्न भोजन बनानेवाली रसोइया साधो देवी ने बताया कि तीन साल से मानदेय नहीं दिया गया. उसने आरोप लगाया कि शिक्षक प्रकाश नगेसिया व सीआरपी राकेश कुमार ने सरकारी राशि की बंदरबाट कर ली.
लातेहार : पुलिस महानिरीक्षक डीके पांडेय ने कहा कि लातेहार जिले में सुरक्षा कारणों से रुकी योजनाएं शीघ्र ही प्रारंभ की जायेंगी. पुलिस धरातल पर काम कर रही है. परिणाम शीघ्र ही दिखने लगेगा.
डीजीपी श्री पांडेय पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड संघर्ष जनमुक्ति मोरचा का सुप्रीमो दीवाली गंझू क्षेत्र के लिए आतंक का पर्याय बन गया था. पुलिस ने उसे मार गिराया. जिले के अति नक्सल प्रभावित ताल तथा सेरेनदगा में पुलिस पिकेट की स्थापना की जा चुकी है. क्षेत्र में पुलिस पिकेट की स्थापना से क्षेत्र में बंद पड़ी योजनाओं को चालू कराने की दिशा में प्रक्रिया तेज होगी और क्षेत्र में सुरक्षा का माहौल उत्पन्न होगा. उन्होंने कहा कि जब तक सुरक्षा का वातावरण कायम नहीं होता है, तब तक नक्सलियों एवं उग्रवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.
डीजीपी ने हवाई सर्वेक्षण किया : श्री पांडेय ने लातेहार व बालूमाथ थाना क्षेत्र के सीमा पर हेसलबार जंगल का हवाई सर्वेक्षण किया. हेसलबार जंगल में शनिवार को पुलिस एवं माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी.
स्वागत कक्ष का निरीक्षण किया : श्री पांडेय ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में स्थापित शिकायत सह स्वागत कक्ष का निरीक्षण किया. उन्होंने वहां प्रतिनियुक्त महिला आरक्षी से जानकाली ली और उन्हें सलवार सूट की जगह पेंट व शर्ट यूनिफार्म पहन कर कक्ष में बैठने का निर्देश दिया.