महुआ के लिए जंगलों में आग लगा रहे हैं ग्रामीण

लातेहार : इन दिनों लातेहार शहर के आसपास एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के जंगलों में आग लगी है. इसका प्रमुख कारण महुआ है. मार्च और अप्रैल महीने में ग्रामीण क्षेत्रों के महुआ के पेड़ फलों से लदे होते हैं और महुआ पेड़ों से नीचे गिरने लगते हैं. ग्रामीण महुआ चुनने से पहले सफाई करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2016 11:59 PM
लातेहार : इन दिनों लातेहार शहर के आसपास एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के जंगलों में आग लगी है. इसका प्रमुख कारण महुआ है. मार्च और अप्रैल महीने में ग्रामीण क्षेत्रों के महुआ के पेड़ फलों से लदे होते हैं और महुआ पेड़ों से नीचे गिरने लगते हैं. ग्रामीण महुआ चुनने से पहले सफाई करने के लिए महुआ के पेड़ों के नीचे आग लगा देते हैं ताकि पेड़ के झाड़ी व पत्ते जल जायें.
लेकिन कई बार ग्रामीणों के द्वारा लगायी गयी यह आग जंगल में फैल जाती है और हवा के झोकों से विकराल रुप ले लेती है. जंगल में लगी इस आग से न सिर्फ जंगल बरबाद हो रहे हैं वरन वण्य प्राणियों को भी नुकसान हो रहा है. हालांकि वन विभाग द्वारा ‘महुआ चुनने के लिए पेड़ों के नीचे आग नहीं लगायें’ का स्लोगन लिख कर कुछ एक साइन बोर्ड अवश्य लगाये गये हैं. लेकिन यह स्थिति प्रति वर्ष बनती है लेकिन जंगलों में आग नहीं लगे इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये जाते हैं. जबकि जंगलों की रक्षा को लेकर जिला स्तर पर टास्क फोर्स एवं गांव स्तर पर वन समितियों का का गठन किया गया है. बावजूद जंगल में आग लग रही है. लोगों का कहना है कि इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करना आवश्यक है.
आग बुझाया जा रहा है: डीएफओ
इस संबंध में पूछे जाने पर वन प्रमंडल पदाधिकारी डॉ वीएस दुबे ने बताया कि जहां जहां भी जंगल में आग लगने की खबर मिलती है वन कर्मी वहां जा कर आग बुझाने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर कोई मदद नहीं मिल पाती है. मना करने के बावजूद भी ग्रामीण महुआ चुनने के लिए जंगलों में आग लगाते हैं. उन्होंने बताया कि ओरया, उदयूपरा, तापा पहाड़ समेत कई जगहों पर जंगलों में लगी आग पर काबू पाया गया है. उन्होंने कहा कि जंगल में आग लगाते पाये जाने पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version