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भूंकप से बचे, तो सड़क दुर्घटना में गयी जान

लातेहार : कहते हैं कि मौत कहां, कब और कैसे होगी किसी को नहीं पता. अब इलियास खान को क्या पता था कि नेपाल में आये भीषण भूकंप में उनका परिवार भले ही बच गया, लेकिन वहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर लातेहार में उनकी, पत्नी और इकलौते पुत्र की मौत हो जायेगी. हादसे में इलियास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2016 9:23 AM
लातेहार : कहते हैं कि मौत कहां, कब और कैसे होगी किसी को नहीं पता. अब इलियास खान को क्या पता था कि नेपाल में आये भीषण भूकंप में उनका परिवार भले ही बच गया, लेकिन वहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर लातेहार में उनकी, पत्नी और इकलौते पुत्र की मौत हो जायेगी. हादसे में इलियास खान की पुत्री अलीमा शकील ही जिंदा बची है.सदर अस्पताल में बार बार वह अपने माता- पिता व भाई को अर्धमूर्छित हालत में ढूंढ रही थी.
रांची में घर बना रहे थे इलियास खान : दो वर्ष पहले नेपाल में आये भूकंप में इलियास खान एवं उसके परिवार ने किसी तरह अपनी जान बचायी थी. नेपाल के काठमांडू में उनके खिलौने की दुकान थी. इलियास खान का ससुराल रांची में होने के कारण उन्होंने रांची में आ कर बसने का मन बनाया. वर्तमान समय में वे लोअर बाजार थाना के समीप किराये के मकान में रहते थे और कांके में अपना घर बना रहे थे. मकान की ढलाई एक सप्ताह पहले हुई थी.
इसी दौरान उन्होंने सपरिवार मेदिनीनगर स्थित अपने साढ़ू एमएस फैजल के यहां घूमने का प्रोग्राम बनाया. बुधवार को वह अपनी कार में सवार हो कर पत्नी जीतन फातमा, बेटी अलीमा शकील एवं बेटा आरहान के साथ मेदिनीनगर गये थे. शनिवार को वह अपने परिवार के अलावा अपने साढ़ू की पत्नी निखत फातमा, उनकी बेटी तजीम फैजल, बेटा अली हमजा अहमद एवं घर की नौकरानी कविता के साथ रांची लौट रहे थे. लौटने के क्रम में लातेहार होटवाग पुल के पास उनकी कार एक ट्रक से सीधे टकरा गयी.
तोता ने भी दम तोड़ा : इलियास खान के परिवार के साथ गाड़ी में एक पिंजरे में तोता भी थी. इस भीषण हादसे में तोता ने भी दम तोड़ दिया. दीगर बात है कि जिस पिंजरे में वह तोता बंद था, उस पिंजरे को कुछ नहीं हुआ है.

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