लेखा प्रबंधक के योगदान पर दो सिविल सर्जन आमने-सामने

लातेहार : जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक सिविल सर्जन राजकुमार बेक की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. बैठक में निलंबित जिला लेखा प्रबंधक चंद्र किरण प्रसाद का मामला प्रस्तुत किया गया. मालूम हो कि तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ काला चांद सिंह मुंडा ने श्री प्रसाद के खिलाफ लातेहार थाना में कांड संख्या 75/15 19 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2016 5:38 AM
लातेहार : जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक सिविल सर्जन राजकुमार बेक की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. बैठक में निलंबित जिला लेखा प्रबंधक चंद्र किरण प्रसाद का मामला प्रस्तुत किया गया.
मालूम हो कि तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ काला चांद सिंह मुंडा ने श्री प्रसाद के खिलाफ लातेहार थाना में कांड संख्या 75/15 19 अप्रैल 2015 को दायर कराया था. उक्त मामले श्री प्रसाद पर सरकारी राशि गबन करने का आरोप लगाया गया था. मामले की जांच में अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी ने श्री प्रसाद के विरुद्ध आरोप गलत पाया तथा अदालत को आरोप पत्र तथ्य की भूल बताते हुए समर्पित किया. अदालत ने सिविल सर्जन डॉ मुंडा को सम्मन करके इस मामले से अवगत कराया.
श्री मुंडा ने अदालत में उपस्थित हो कर कहा कि गलती से मुकदमा दर्ज हो गया था. इसके बाद अदालत ने श्री प्रसाद को निर्दोष करार देते हुए आरोप पत्र को स्वीकार कर लिया. उक्त मामले में अंतिम निर्णय आने के बाद श्री प्रसाद ने अपने पद पर योगदान कराने का अनुरोध उपायुक्त रविशंकर शुक्ला एवं झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन समिति (एनआरएचएम) के निदेशक आशीष सिंहमार से किया. दोनों ही अधिकारियों ने श्री प्रसाद को योगदान कराने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया.
तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ मुंडा के तबादले के बाद नये सिविल सर्जन डॉ बेक ने आदेश को मानने से इनकार कर दिया तथा अदालती आदेश की अपील ऊपरी अदालत में करने के निर्णय को समिति की बैठक बुला कर अनुमोदित करा लिया. अब दो अधिकारियों के मतभेद का शिकार लेखा प्रबंधक श्री प्रसाद को होना पड़ रहा है. एक ओर पुराने सीएस मामले को गलत तो नये सीएस सही बता रहे हैं.

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