निबंधन 230 टेंपो का, चल रहे 3,000

जिला मुख्यालय में टेंपो दुर्घटनाओं में चार साल में 22 लोगों की मौत लातेहार : जिले में कुल 230 टेंपो का निबंधन है, जबकि सिर्फ जिला मुख्यालय एवं इसके आसपास करीब तीन हजार टेंपो चलाये जा रहे हैं. टेंपों की स्थिति ऐसी है कि आम लोगों का सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2016 8:04 AM
जिला मुख्यालय में टेंपो दुर्घटनाओं में चार साल में 22 लोगों की मौत
लातेहार : जिले में कुल 230 टेंपो का निबंधन है, जबकि सिर्फ जिला मुख्यालय एवं इसके आसपास करीब तीन हजार टेंपो चलाये जा रहे हैं. टेंपों की स्थिति ऐसी है कि आम लोगों का सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो गया है.
पिछले वर्ष 2012 से अब तक 22 लोगों की मौत टेंपो दुर्घटनाओं में हो चुकी है. जबकि चार दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. टेंपो पर न तो परिवहन विभाग का ही कोई अंकुश है और ना ही पुलिस प्रशासन का ही होई नियंत्रण है.
जिला परिवहन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2012-13 में कुल 128, 2013-14 में 57, 2014-15 में 33 तथा वर्ष 2016-17 में 12 टेंपो का निबंधन हुआ है. बिना निबंधन वाले टेंपो की संख्या भी यहां सैकड़ों में है.
जानकारी के अनुसार टेंपो चालकों में आधा से से भी कम लाइसेंस होल्डर हैं. अधिक टेंपो चालक बगैर किसी लाइसेंस के टेंपो चला रहे हैं. जिससे दुर्घटना की स्थिति में मृतकों के परिजनों को मोटर वाहन दुर्घटना दावा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मुख्य पथ पर तो सिर्फ टेंपो ही टेंपो दिखायी पड़ते हैं. सुबह दस बजे और शाम चार बजे स्कूली बच्चों की भीड़ रहती है और टेंपो चालक ऐसी अनियत्रित टेंपों चलाते हैं कि हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है.
कानूनी प्रावधानों का अनुपालन नहीं
कानूनी प्रावधानों का कोई अनुपालन जिला पुलिस नहीं करा पा रही है. बगैर लाइसेंस के नाबालिगों द्वारा टेंपो चलाया जा रहा है. टेंपो सड़क पर कहीं भी अचानक रोक देने से रोज झगड़ा-झंझट तथा छोटी घटनाएं घट रही हैं. बालिका उच्च विद्यालय के सामने दर्जनों टेंपो खड़े रह रहे हैं तथा टेंपो चालक लड़कियों पर फब्तियां भी कसने से बाज नहीं बाते हैं. आये दिन इस तरह की घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है.

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