पत्थर व लकड़ी की चोरी जोरों पर

महुआडांड़ : भेड़िया आश्रयणी के रूप में संरक्षित महुआडांड़ के सुरक्षित वन क्षेत्र से इन दिनों पत्थर एवं इमारती लकड़ी की तस्करी जोरों पर है. घने जंगलों से आच्छादित यह वन क्षेत्र आज वीरान होने की स्थिति में है. तस्कर प्रतिदिन यहां से साइकिल व वाहनों से लकड़ी की तस्करी कर रहे हैं. वन अधिकारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2014 4:02 AM

महुआडांड़ : भेड़िया आश्रयणी के रूप में संरक्षित महुआडांड़ के सुरक्षित वन क्षेत्र से इन दिनों पत्थर एवं इमारती लकड़ी की तस्करी जोरों पर है. घने जंगलों से आच्छादित यह वन क्षेत्र आज वीरान होने की स्थिति में है. तस्कर प्रतिदिन यहां से साइकिल व वाहनों से लकड़ी की तस्करी कर रहे हैं. वन अधिकारियों द्वारा कोई सुधि नहीं लेने से तस्करों का मनोबल बढ़ गया है.

सुरक्षित वन क्षेत्र के बुढ़ाघाघ, बारेसांढ़, अक्शी, सोहर, दौना दुरुप, नेतरहाट व बारेसांढ़ के जंगलों से प्रतिदिन पत्थर व इमारती लकड़ियों की ढुलाई हो रही है. इससे सरकार को प्रतिमाह लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं वन्य जीवन भी संकट में पड़ गया है. इस संबंध में जानकारी के लिए वनों के क्षेत्र पदाधिकारी भोला प्रसाद एवं वनपाल अजीत नारायण से उनके कार्यालय में संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन वे कार्यालय में उपस्थित नहीं थे. उनका मोबाइल स्विच ऑफ था.

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