कैशलेस को आंदोलन का रूप दें
जिले में चंदवा को सबसे पहले बनाना है कैशलेस चंदवा : उपायुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता ने कहा कि कैशलेस अभियान को आंदोलन का रूप दें. लातेहार जिले में चंदवा को सबसे पहले कैशलेस बनाने की ओर कदम बढ़ाया जा चुका है. लोगों से नकद लेन-देन नहीं करने की बात कही. श्री गुप्ता बुधवार को स्थानीय […]
जिले में चंदवा को सबसे पहले बनाना है कैशलेस
चंदवा : उपायुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता ने कहा कि कैशलेस अभियान को आंदोलन का रूप दें. लातेहार जिले में चंदवा को सबसे पहले कैशलेस बनाने की ओर कदम बढ़ाया जा चुका है. लोगों से नकद लेन-देन नहीं करने की बात कही.
श्री गुप्ता बुधवार को स्थानीय प्रखंड कार्यालय परिसर में कैशलेस को लेकर एक दिनी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति कैशलेस भुगतान करना सीखेगा तो वह दर्जन भर लोगों को सिखायेगा. उन्होंने एटीएम कार्ड से स्वैप मशीन के जरिये व आधार के माध्यम से पैसे के लेन-देन की बात कही. कैशलेस को आंदोलन का रूप देने में व्यापारी वर्ग को अहम बताया. इससे पूर्व श्री गुप्ता के अलावा अनुमंडल पदाधिकारी वरुण रंजन, लातेहार एसबीआइ के चीफ मैनेजर आनंद कुमार, जिप सदस्य सरोज देवी, बीडीओ देवदत पाठक, सीओ अमर जोन आइंद, पंसस नीलम देवी समेत अन्य लोगों ने कार्यक्रम की शुरुआत की. मंच संचालन प्रभाकर मिश्र ने किया.
कार्यालयों को जल्द ही पेपरलेस बनाया जायेगा
एसडीओ श्री रंजन ने कैशलेस क्यों, कैसे और इसके फायदे पर विस्तार से चर्चा की. जल्द ही कार्यालयों को पेपरलेस बनाने की बात भी बतायी. एसबीआइ के चीफ मैनेजर ने कहा कि कैशलेस में कई तकनीक से लेन-देन किया जा सकता है. पीओएस मशीन, मोबाइल बैंकिग, इंटरनेट बैंकिंग, यूएसएसबी, आधार लिंक, स्टेट बैंक बडी समेत कई माध्यम से सैफ कैशलेस लेन-देन संभव है. उप प्रमुख फिरोज अहमद ने राज्य को कैशलेस बनाने में लोगों को सहयोग मांगा. भ्रष्टाचार रोकने व देश की प्रगति में कैशलेस को अहम कदम बताया.
रामयश पाठक, रवि कुमार डे समेत अन्य लोगों ने कैशलेस अपनाने व साइबर क्राइम पर भी सजग रहने की बात कही. अनजान को बैंकिंग समेत अन्य जानकारी नहीं देने की बात कही. मौके पर एसबीआइ के एलडीएम नीरज कुमार, मैनेजर प्रदीप गुड़िया, पर्यवेक्षक नीरज कुमार, एमओ श्यामलाल राम, झाविमो के विजय दुबे, रितेश अग्रवाल, मो इजहार समेत प्रखंड सह अंचल कर्मी, जनसेवक, पंचायत सेवक, स्कूली छात्र-छात्रा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.