बारियातू. प्रखंड में मनरेगा द्वारा संचालित बिरसा संवर्धन कूप सिंचाई योजना का हाल बुरा है. लाभुक मजदूरी व सामग्री मद की राशि के भुगतान के लिए भटक रहे हैं. मनरेगा कर्मियों की आवभगत में लोग लगे हैं. बुधवार को कई लाभुक प्रखंड कार्यालय पहुंचे. कुछ लाभुकों ने बताया कि कर्ज लेकर बरसात के पूर्व कुआं बांधने का कार्य पूर्ण कर लिया. अब राशि भुगतान के लिए लाभुक कभी रोजगार सेवक, कभी पंचायत सेवक तो कभी जेइ को ढूंढ रहे है. फोन पर बात करने पर मनरेगा कर्मी बाद में मिलने की बात कहते हैं. एक लाभुक ने बताया कि रोजगार सेवक द्वारा बीपीओ, पंचायत सचिव से डिमांड फॉर्म पर हस्ताक्षर करने पर ही मस्टर रोल जमा लेने की बात कही गयी. दोनों से हस्ताक्षर कराने में एक सप्ताह गुजर गये. अंत में बीपीओ ने बताया कि डिमांड बंद है. लाभुकों ने बताया कि मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है. अगर अधिक बारिश हुई तो कई कूप के धंसने की संभावना बढ़ जायेगी. ज्ञात हो कि उक्त योजना को सफल बनाने के लिए हर लाभुकों को सामग्री मद में 50 हजार रुपये सीधे लाभुक के खाते में देने का निर्देश दिया गया है, पर एक पखवारे के बाद भी लाभुकों को यह भुगतना नहीं किया गया है. बताते चले कि सभी नौ पंचायत में 24-24 सिंचाई कूप बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी. एक कूप की प्राक्कलन राशि 3.95 लाख रुपये है. लगभग 90 कूपों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है. इस संबंध में बीपीओ केतन कुमार ने बताया कि वे बारियातू व मनिका प्रखंड के प्रभार में है. कूप खुदाई का कार्य बरसात को लेकर बंद कर दिया गया है. मजदूरी भुगतान के बाद ही सामग्री मद की राशि का भुगतान होना है. अब तक 75 कूप का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है. इसमें 40 लाभुकों का भुगतान के लिए पंचायत से प्रस्ताव आया था. इसे जिला भेज कर भुगतान किया जा रहा है. शेष का प्रस्ताव पंचायत से आया ही नहीं है.
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