बारियातू़ बालूमाथ व बारियातू वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर नंदकुमार मेहता के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीम ने बुधवार को थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग स्थानों पर भूमिहीन किसानों द्वारा 20 एकड़ वनभूमि में लगायी गयी मक्के की फसल को नष्ट कर दिया था. प्रभात खबर ने इससे संबंधित समाचार प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर कर लातेहार उपायुक्त गरिमा सिंह से पूरे घटनाक्रम की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इधर, उपायुक्त के निर्देश पर बारियातू सीओ सह बीडीओ नंद कुमार राम व थाना प्रभारी राजा दिलावर को मामले की जांच करने शुक्रवार दोपहर विश्रामपुर गांव पहुंचे. उन्होंने क्षति का आंकलन किया. साथ ही पीड़िता आशा देवी, प्रमिला देवी व राजो देवी सरिता से पूछताछ की. महिलाओं ने बताया कि फसल को नष्ट करने से पहले रेंजर द्वारा किसी प्रकार का कोई विभागीय नोटिस नहीं दिया गया था. खेती करने के पूर्व वनरक्षी विश्वासदेव पांडेय को पांच-पांच हजार रुपया भी हमने दिया है. इसके बाद भी हमारी फसल को नष्ट कर दिया गया. हमलोग भूमिहीन है, पैसा देने के बाद खेती करने के लिए मौखिक रूप से कहा गया था, इसलिए खेती की. मक्का फसल तैयार होने की कगार पर थी. सीओ सह बीडीओ श्री राम ने कहा कि जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को सौंप दिया गया है. बताते चले कि प्रभारी रेंजर नंदकुमार मेहता ने बीते बुधवार को 10-12 वन कर्मियों और ग्रामीणों के सहयोग से विश्रामपुर व भाटचतरा गांव के किसानों द्वारा वन क्षेत्र में लगायी गयी मक्का फसल को लाठी डंडे से पीटकर नष्ट कर दिया था, जिससे किसानों को लगभग 8 लाख का नुकसान हुआ है. इस अवसर पर सीआई अनिल होरो, राजस्व कर्मचारी संदीप कुमार, अमीन संजय यादव, समाज सेवी लाल आशीषनाथ शाहदेव, अजय राम के अलावा कई पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण उपस्थित थे.
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