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कौड़ी के भाव जमीन लेना चाहता है विभाग : रैयत

प्रखंड सह अंचल कार्यालय स्थित सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-75 (पैकेज-1) अंतर्गत फोरलेन सड़क निर्माण को लेकर भू-धारकों के साथ आमसभा हुई.

चंदवा. प्रखंड सह अंचल कार्यालय स्थित सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-75 (पैकेज-1) अंतर्गत फोरलेन सड़क निर्माण को लेकर भू-धारकों के साथ आमसभा हुई. यह सड़क कुड़ू से उदयपुरा सेक्शन (59 किमी) तक बनायी जानी है. आमसभा में राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के प्रतिनिधि विनय कुमार पांडेय, अंचलाधिकारी जयशंकर पाठक व भू-अर्जन कार्यालय के अमीन अजय कुमार विश्वकर्मा मौजूद थे. आमसभा में चंदवा अंतर्गत राजमार्ग में आनेवाले सिकनी, सांसग, एटे, रूद, चिरो, लुकूइयां, बोरसीदाग, हुटाप, अमझरिया, लाधूप, पीरदाग, टूढ़ामू, तोरार, बेरगड़ा, सेन्हा व नावाड़ी गांव के सैकड़ो भू-रैयत पहुंचे थे. मौके पर अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए भू-धारकों से जमीन देने की अपील की. साथ ही सहयोग करने की बात कही. भू-अर्जन के लोगों ने जैसे ही गांववार जमीन के एवज में दी जानेवाली मुआवजा राशि की घोषणा शुरू की, रैयतों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. साथ ही इस आमसभा का बहिष्कार कर दिया. काफी देर तक यहां गहमा-गहमी रही. इसके बाद अधिकारियों ने रैयतों से उनके विरोध का कारण पूछा, रैयतों को अपना पक्ष रखने की बात कही गयी.

प्रतिनिधिमंडल ने रखी तीन मांग

विरोध के बाद सैकड़ों रैयतों ने मिलकर एक प्रतिनिधिमंडल का चयन किया, इसमें रामयश पाठक, लाल रणविजय नाथ शाहदेव व सतेंद्र प्रसाद यादव को शामिल किया गया. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि विभाग हमारी जमीन कौड़ी के भाव लेना चाहता है. हाल सर्वे में काफी त्रुटि है. रोजाना भूमि विवाद में मारपीट हो रही है. सबसे पहले हाल सर्वे की त्रुटि दूर की जाये. इसके बाद हमारी जो भूमि राष्ट्रीय राज्यमार्ग के लिए प्रस्तावित है, उसे सुधार के बाद ही उसका अखबार में गजट प्रकाशित किया जाये. इसके अलावे मुआवजा राशि रैयतों की सहमति के बाद तय हो. तभी हम लोग जमीन पर कार्य करने देंगे.

मुख्यमंत्री के पास रखेंगे मांग

बताते चले कि 20 सितंबर 2023 व पांच अक्टूबर 2023 को भी भू-अर्जन विभाग ने रैयतों की बैठक बुलायी थी. उक्त तीन मांग को लेकर इसका भी बहिष्कार कर दिया गया था. ज्ञात हो कि स्थानीय रैयत हाल सर्वे की त्रुटि से परेशान है. खतियान में मूल रैयत का नाम ही नहीं है. मालगुजारी किसी और के नाम से कट रही है. मूल रैयत अपनी जमीन बचाने के लिए अदालत का चक्कर काट रहा है. ऐसी समस्या यहां आम है. झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सह जिला बीस सूत्री सदस्य इश्तियाक खान उर्फ पपन खान ने कहा कि जमीन रैयतों को उचित मुआवजा तय नहीं किया गया है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी जायेगी. रैयतों के साथ जोरदार आंदोलन किया जायेगा.

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