सदर अस्पताल में नाइट ड्यूटी से नदारत रहते हैं डॉक्टर
लातेहार सदर अस्पताल में लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही है. सदर अस्पताल में वर्ष 2021 से अब तक डीएमएफटी की राशि से काफी संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं, लेकिन चिकित्सकों की कार्यशैली में थोड़ा सा भी बदलाव नहीं आया है.
लातेहार. लातेहार सदर अस्पताल में लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही है. सदर अस्पताल में वर्ष 2021 से अब तक डीएमएफटी की राशि से काफी संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं, लेकिन चिकित्सकों की कार्यशैली में थोड़ा सा भी बदलाव नहीं आया है. इसका मुख्य कारण चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों पर जिले के किसी पदाधिकारी का नियंत्रण नहीं है. बुधवार रात 12.33 बजे शहर की रिया नामक एक युवती को पेट में दर्द और चक्कर आने की शिकायत पर परिजन उसे सदर अस्पताल ले गये. परिजनों ने पांच रुपये की पर्ची कटवाया. जिस पर इलाज करने के लिए डाॅ श्रवण कुमार महतो का नाम अंकित था. इसके बाद परिजन उसे इमरजेंसी वार्ड में ले गये, लेकिन वहां कोई चिकित्सक उपस्थित नहीं थे. मौके पर स्वास्थ्य कर्मी पंकज कुमार मौजूद था, जिसने पर्ची लेकर रिया को एक इंजेक्शन दिया और कहा कि इसे घर ले जा सकते है. परिजनों ने डाॅक्टर को बुलाने की बात कही तो स्वास्थ्य कर्मी पंकज कुमार ने कहा कि हम जो इंजेक्शन दिये हैं, वहीं डाॅक्टर साहब भी लिखेंगे. इसके बाद परिजन रिया को लेकर अपने घर लौट गये. ज्ञात हो कि 22 जून को भी सदर अस्पताल में चिकित्सीय लापरवाही सामने आयी थी. उस दिन शहर में दो बच्चों का एक पागल कुत्ता ने काट लिया था. इसके बाद परिजन अपने-अपने बच्चों को लेकर रात 8.30 बजे सदर अस्पताल पहुंचते है, तो चिकित्सक गायब थे. उस दिन डाॅ सुदामा प्रसाद की ड्यूटी थी. इसके बाद परिजनों ने रात में सिविल सर्जन डाॅ अवधेश कुमार सिंह को इसकी सूचना दी. इसके बाद डा इमरजेंसी में पहुंचे और दोनों बच्चों को इलाज किया. इस मामले में सिविल सर्जन ने कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस संबंध में सिविल सर्जन डाॅ अवधेश कुमार सिंह ने एक बार फिर कहा कि मामले की जांच करायी जायेगी. दोषी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई की जायेगी.
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