बेतला. बरवाडीह प्रखंड के बेतला, पोखरी,केचकी सहित अन्य पंचायतों के लाभुकों का आवेदन सर्वर डाउन रहने के कारण दूसरे दिन भी अपलोड नहीं हो सका. 5000 से अधिक महिलाओं का आवेदन अपलोड किया जाना है, लेकिन पिछले दो दिनों में सिर्फ तीन आवेदन ही अपलोड हुआ है. रविवार को तो एक भी आवेदन अपलोड नहीं हुआ. सुबह नौ बजे शाम चार बजे तक पंचायत भवन में महिलाएं धनरोपनी छोड़ कर भूखे-प्यासे बैठी रही. सर्वर डाउन होने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. वर्तमान समय में बारिश हो रही है. सभी किसान धनरोपनी में जुट गये हैं, लेकिन शिविर की जानकारी मिलने के कारण महिलाएं धनरोपनी का कार्य छोड़कर के पंचायत भवन पहुंची थी. महिलाओं ने बताया कि घर के सभी काम छोड़कर पंचायत भवन इसलिए आयी थी कि यदि उनका आवेदन अपलोड हो जायेगा, तो वह फिर बेफिक्र होकर खेती का काम कर सकेंगे, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ. अगर तीन-चार दिन में रोपनी का कार्य नहीं होता है, तो उनके समक्ष भी स्थिति विकट हो जायेगी. गौरतलब है कि शनिवार को पंचायतों में मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के तहत शिविर की शुरुआत की गयी. भारी बारिश के बीच भी पंचायत में शिविर लगाया गया था . शिविर लगाकर महिलाओं से आवेदन प्राप्त कर झारखंड सरकार की वेबसाइट पर अपलोड करने का कार्य चल रहा है. हजारों की संख्या में महिलाएं धनरोपनी सहित अन्य कृषि कार्य को छोड़कर पंचायत भवन पहुंचीं, लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा.
दो दिन में एक भी इंट्री नहीं, पंसस ने जतायी चिंता
चंदवा. कामता पंचायत के पंचायत समिति सदस्य अयूब खान ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अब तक एक भी इंट्री नहीं होने पर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए युवती व महिलाएं दो दिन से सचिवालय पहुंच रहीं हैं, पर दो दिन में एक भी फॉर्म अपलोड नहीं हो पाया है. ऐसे में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ शुरुआती समय में पंचायत की महिलाओं को नहीं मिल पायेगा. बताया कि एक पंचायत में आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा करीब आठ सौ फॉर्म भरा गया है, पर अब तक एक भी फाॅर्म अपलोड नहीं हुआ है. यहां प्रज्ञा केंद्र संचालक कुणाल मिस्त्री ने बताया कि फॉर्म अपलोड करने पर इन करेक्ट सीएससी आईडी, स्टेट मिसमैच का मैसेज आ रहा है. पंसस ने कहा है कि यहां इंट्री के लिए सिर्फ एक ही ऑपरेटर है. फाॅर्म के लिए भी मारामारी है. गरीब महिलाएं व युवती दिनभर भूखे-प्यासे यहां फार्म ऑनलाइन होने के इंतजार में बैठे है. धान रोपनी भी प्रभावित हो रही है. ऑपरेटर बढ़ाने की मांग की है.
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