पेड़-पौधे की रक्षा कर अपने जीवन को समृद्ध बनायें : सीओ

गुरुवार को प्रखंड में धूमधाम से प्रकृति पर्व सरहुल मना. प्रकृति की रक्षा के संकल्प के साथ लोगों ने उपवास रखा. अच्छी बारिश व कृषि कार्य बेहतर हो, इसकी कामना की.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2024 9:29 PM

चंदवा. गुरुवार को प्रखंड में धूमधाम से प्रकृति पर्व सरहुल मना. प्रकृति की रक्षा के संकल्प के साथ लोगों ने उपवास रखा. अच्छी बारिश व कृषि कार्य बेहतर हो, इसकी कामना की. कुसुमटोली स्थित पूजा स्थल पर सुखलाल मुंडा के नेतृत्व में पूजा-अर्चना हुई. मुख्य कार्यक्रम कृषि फॉर्म परिसर में हुआ. यहां प्रखंड के विभिन्न गांव की खोड़हा मंडली पहुंची थी. मौके पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त सीओ गंगाधर लाल भगत ने कहा कि प्रकृति हमें जीवन देती है, इसलिए पेड़-पौधे की रक्षा कर अपने जीवन को समृद्ध बनायें. सरहुल पर्व हमें प्रकृति की रक्षा के लिए प्रेरित करता है. सभी लोगों से कम-से-कम पांच पौधे लगाने चाहिए. वहीं पड़हा राजा धनेश्वर उरांव, कामेश्वर भोक्ता, फुलचंद गंझू, कांग्रेस के रामयश पाठक, पशु चिकित्सक डा सरोज लकड़ा, शिक्षिका दोरोथिया खलखो, मुखिया अनिता भगत, दुर्गावती देवी, पूर्व मुखिया पुष्पा देवी व देवमोहन सिंह पे सभी को प्रकृति की रक्षा का संकल्प दिलाया. इस दौरान पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी भी कार्यक्रम स्थल पहुंचे थे. वहां पहुंचने पर सरना समिति के सदस्यों ने पारंपरिक तरीके से अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर विभिन्न गांवों से आयी खोड़हा मंडली ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में हरिकुमार भगत, बिनोद भगत, भुटू उरांव, रामपाल उरांव, सुरेश उरांव, सुरेश नाथ लोहरा, अनूप बड़ाइक, बिनेश्वर उरांव, मंजय उरांव, राहुल कुमार, मुखिया रंजीत उरांव, चंद्रदेव उरांव, बिमल उरांव ने सहयोग किया.

कृषि फार्म परिसर से शोभायात्रा निकली

कार्यक्रम के बाद कृषि फार्म परिसर से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. इसमें विधायक बैद्यनाथ राम शामिल हुए. शोभायात्रा में आन, बनहरदी, बारी, माल्हन, लोहरसी, शिवाटोली, अलौदिया, चकला सहित कई गांवों की खोड़हा मंडली शामिल हुई. मांदर की थाप पर लोग पारंपरिक नृत्य करते चल रहे थे. अबीर-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को सरहुल की शुभकामनाएं दे रहे थे. शोभायात्रा के दौरान क्रिएटिव एकेडमी, विवेकानंद किशोर संस्थान, अन्नपूर्णा बीज भंडार, कैथोलिक सभा कमेटी चंदवा सहित कई संस्थाओं द्वारा गुड़-चना व शरबत की व्यवस्था की गयी थी. शोभायात्रा मेन रोड होते कृषि फार्म पहुंचकर संपन्न हो गयी.

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