बेतला. हाल ही में जमशेदपुर में तेंदुआ की खाल पकड़े जाने और इस अपराध में शामिल तस्करों की गिरफ्तारी से एक बार फिर से तेंदुआ चर्चा में आ गया है. तेंदुआ की चर्चा के बीच यह सवाल उठने लगा है कि उस आदमखोर तेंदुआ का क्या हुआ, जिसने आसपास के इलाकों में आतंक मचा रखा था. हालांकि पकड़े गये तस्करों ने पूछताछ में बताया कि पिछले छह वर्ष के दौरान उनके द्वारा कोई शिकार नहीं किया गया है. फिर भी वन विभाग के पदाधिकारी हर बिंदु की गहनता से जांच कर रहे हैं. 2022 के दिसंबर और 2023 के जनवरी माह में गढ़वा और लातेहार के इलाके में एक आदमखोर तेंदुआ ने चार बच्चों को निशाना बनाया था. उक्त तेंदुआ ने 10 दिसंबर 2022 को लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर उकामाड़ में एक 12 वर्षीय बच्ची को अपना पहला शिकार बनाया था. दूसरी घटना 14 दिसंबर को गढ़वा जिले के भंडरिया प्रखंड के रोदो गांव में हुई थी, जहां नौ वर्ष के बच्चे को तेंदुआ ने मार डाला था. तीसरी घटना रंका प्रखंड में 19 दिसंबर को हुई. यहां सात वर्षीय सीता की मौत तेंदुआ के हमले में हो गयी थी. पीटीआर क्षेत्र और इसके पड़ोसी गढ़वा जिले के गांवों के लोग इस कदर दहशत में थे कि वे शाम होते ही घरों में कैद हो जा रहे थे. तेंदुआ के खौफ से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम हो गयी थी. किसान अकेले खेतों में काम करने नहीं जा रहे थे.
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