मनरेगा कूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं किसान

मनरेगा योजना के तहत बनाये जा रहे सिंचाई कूप का प्रखंड के कई गांव में बेहतर इस्तेमाल हो रहा है. ये कूप किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 24, 2024 9:06 PM

बारियातू. मनरेगा योजना के तहत बनाये जा रहे सिंचाई कूप का प्रखंड के कई गांव में बेहतर इस्तेमाल हो रहा है. ये कूप किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. कूप से फसलों की सिंचाई कर प्रखंड के किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. मनरेगा कूप से किसान सालों भर फसलों की सिंचाई कर पा रहे हैं. मनरेगा कूप से बंजर भूमि भी हरी-भरी बन रही है. प्रखंड के साल्वे, टोंटी, अमरवाडीह, शिबला, गोनिया, बालूभांग, फुलसू व डाढ़ा पंचायत के कई गांव में किसानाें को मनरेगा के तहत बने कूप का लाभ किसानों को मिला है. अब किसान वैज्ञानिक तरीके से आर्गेनिक खेती कर रहे हैं. टमाटर, मटर, आलू, प्याज, लहसुन, फूलगोभी, पत्तागोभी, करैला, कद्दू, भिंडी, बैगन, मिर्च, धनिया, खीरा, झींगी, परवल, शिमला मिर्च सहित अन्य मौसमी फसलों की खेती यहां हो रही है. बताते चले कि प्रखंड के कई गांव में वर्ष 2010 से लेकर अब तक मनरेगा और बिरसा सिंचाई कूप योजना के तहत करीब छह सौ कूप का निर्माण कराया गया है. इससे 800 एकड़ से अधिक भूमि में सिंचाई हो रही है. उत्पादित सब्जियों को किसान प्रखंड क्षेत्र में लगनेवाले साप्ताहिक बाजार बारियातू, भाटचतरा, गोनिया, टोंटी व फुलसू के अलावे बालूमाथ, टंडवा व चतरा में बेचते हैं. किसान झुमन गंझू, सुरेश उरांव, शोभा देवी, कुलदीप कुमार, सोहराई भुइयां व रवि प्रसाद ने बताया कि मनरेगा कूप का लाभ मिल रहा है. अब सालों भर फसलों की सिंचाई करते हैं. कुआं से खेती को बढ़ावा मिला है. मौसमी सब्जी से सालाना एक से दो लाख रुपये की आमदनी कर रहे है. इटके गांव के किसान शाहीद, बिशुनदेव उरांव, कुले उरांव व जगतू उरांव ने बताया कि पहले कूप नहीं होने के कारण बारिश के पानी पर निर्भर रहना पड़ता था. अब खेती के लिए पानी मिल रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version