ऑर्गेनिक खेती से किसानों को हो रहा है लाभ
सदर प्रखंड के जालिम गांव में ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत स्थानीय किसानों ने शुरू की है.
सदर प्रखंड के जालिम गांव में कई किसान कर रहे हैं खेती 27 लेट-1 में. खेत में किसान संदीप. लातेहार. सदर प्रखंड के जालिम गांव में ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत स्थानीय किसानों ने शुरू की है. इससे उन्हें काफी लाभ हो रहा है. जालिम गांव के प्रगतिशील किसान संदीप कुमार ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत कर युवा किसानों के प्रेरणास्रोत बन रहे हैं. अपनी छह एकड़ जमीन में मटर, गोभी, गाजर, पालक, प्याज, बीट व लहसुन की खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से कर रहे हैं. खेती के साथ गाय पालन, बकरी पालन और मशरूम के लिए अपने खेत में अलग-अलग सेट बनवा रहे हैं. मत्स्य विभाग के सहयोग से मत्स्य पालन के लिए आरएस जल कृषि प्रणाली सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहे हैं. संदीप बताते हैं कि शेड की छत पर कुश और बांस के बने छज्जा देने से साइड में रहने वाले जानवर को गर्मी में राहत मिलेगी. साथ ही ठंड में भी सीट के छत के अपेक्षा कम ठंड लगेगी. खेत में लगी फसल के लिए अपनी जमीन पर ही वर्मी कंपोस्ट का बेड तैयार कर इस्तेमाल कर रहे हैं. संदीप कहते हैं कि पारंपरिक खेती से किसानों को खास फायदा नहीं है. लेकिन एक साथ समावेशिक प्रणाली से एक ही स्थान पर खेती बागवानी के साथ बकरी पालन, डेरी और मुर्गी फार्म से खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑर्गेनिक तैयार होगा. उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि धीरे-धीरे विकसित कर हम ऑर्गेनिक पार्क का रूप दे, जहां लोग आकर अपने जरूरत के दूध के साथ सब्जी और शुद्ध ऑर्गेनिक का फल पा सके. संदीप ने बताया कि आज रासायनिक उर्वरक के उत्पाद से फसल व सब्जी के उपयोग से लोगों के सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. आज बाजार में हर कोई ऑर्गेनिक फल व सब्जी खरीदने की इच्छा रहती है, परंतु नहीं मिलने से लोग बाजार में जो उपलब्ध हैं, उसे खरीदने को मजबूर हैं. मेरा प्रयास होगा कि मैं अपने साथ किसानों का एक समूह तैयार कर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए काम करूंगा, जिससे समूह के माध्यम से अधिक उत्पादन होने पर सभी किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर कीमत मिल सके.
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